मेरी पहले ही तंग थी चोली-सौतन १९८३
होली वाला गीत भी है. गीतों में किसी शब्द के प्रयोग से कभी कभी
अलग अर्थ भी निकलते हैं. गद्य और पद्य में यही अंतर है. पद्य
की महिमा को अक्सर सन्दर्भ सहित भावार्थ में बखाना जाता है.
कल्पना करने का स्कोप काफी होता है दोनों में अगर कन्फ्यूज़न
हो तो याद करने का एक तरीका है-जो गधे के भी समझ आ जाए
वो गद्य. वेरी सिंपल.
एक शब्द है-तंग. इसके दो अर्थ हैं-परेशान और टाईट. कपडे तंग
होते हैं और व्यक्ति भी तंग हो सकता है. गीत में प्रयुक्त शब्द से
दोनों अर्थ लगाये जा सकते हैं. दोनों ही अर्थ में गीत पर कोई
फर्क नहीं पड़ेगा. तंग शब्द का तंज कसने में भी इस्तेमाल
किया जाता है.
गीत के बोल:
रंग लाल पीला नीला हरा नीला नीला
रंग लाल पीला नीला हरा नीला नीला
ओ मेरी पहले ही तंग थी चोली
ऊपर से आ गई बैरन होली
ज़ुल्म तूने कर डाला
प्यार में रंग डाला
ओ हो
मैं तो सरम से पानी पानी हो ली
हो तुझको सिलवा दूंगा नई चोली
के अब तू सोलह बरस की हो ली
ज़ुल्म तूने कर डाला
प्यार में रंग डाला
ओ हो हो
बिना बन्दूक चल गई गोली
ओ मेरी पहले ही तंग थी चोली
नई ना नई ना नई ना नई ना नई नई नई
नई ना नई ना नई ना नई ना नई नई नई
रंगीला रंगीला मौसम रंगीला मौसम आया
रंगीला रंगीला मौसम रंगीला मौसम आया
तेरे मेरे प्यार के चर्चे
होने लगे हैं गली गली
तेरे मेरे प्यार के चर्चे
होने लगे हैं गली गली
दुनिया वाले करने लगे हैं
बातें अब तो जली जली
दुनिया वाले करने लगे हैं
बातें अब तो जली जली
ओ हो हो
ज़ुल्म तूने कर डाला
प्यार में रंग डाला
मैं तो सरम से पानी पानी हो ली
मेरी पहले ही तंग थी चोली
साजन अब तो तुम बिन
हमसे रहा न जाएगा
ओ साजन अब तो तुम बिन
हमसे रहा न जाएगा
जल्दी ही दीवाना तेरा
डोली लेकर आएगा
जल्दी ही दीवाना तेरा
डोली लेकर आएगा
ए हाँ
ज़ुल्म तूने कर डाला
प्यार में रंग डाला
बिना बन्दूक चल गई गोली
हो तुझको सिलवा दूंगा नई चोली
के अब तू सोलह बरस की हो ली
ज़ुल्म तूने कर डाला
प्यार में रंग डाला
ओ हो हो
ज़ुल्म तूने कर डाला
प्यार में रंग डाला
मैं तो सरम से पानी पानी हो ली
मेरी पहले ही तंग थी चोली
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Meri pehle hi tang thi choli-Souten 1983
Artist: Rajesh Khanna, Tina Munim
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