Jun 28, 2017

ओ मेरे सोना रे-तीसरी मंजिल १९६६

नायक नायिका का एक दूसरे को सोना चांदी बुलाना
पुरानी परंपरा है. किसी प्रदेश विशेष में आपको सोणा
या सोणी शब्द ज़रूर सुनने को मिलते हैं. ये गीत वाला
शब्द भी कुछ ऐसा ही है.

कोई अगर सोना चांदी च्यवनप्राश खाए तो उसको सोना
चांदी बुलाना अजीब नहीं लगना चाहिए.

तीसरी मंजिल का ये गीत बेहद लोकप्रिय है आज भी.
मजरूह के बोल हैं और रफ़ी-आशा की आवाजें. संगीत
आपको मालूम ही है किसका है.



गीत के बोल:

ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे
दे दूंगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना

ओ मेरी बाँहों से निकल के
तू अगर मेरे रस्ते से हट जाएगा
तो लहरा के हो बलखा के
मेरा साया तेरे तन से लिपट जाएगा
तुम छुड़ाओ लाख दामां
छोड़ते हैं कब ये अरमां
के मैं भी साथ रहूँगी रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोन्ना रे सोन्ना रे सोना रे
दे दूंगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना

ओ मियां हमसे न छिपाओ
हो बनावट की सारी अदाएं लिये
के तुम इसपे हो इतराते
के मैं पीछे हूँ सौ इल्तिज़ाएं लिये
जी मैं खुश हूँ मेरे सोना
झूठ है क्या सच कहो ना
के मैं भी साथ रहूँगी रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे
दे दूंगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना

ओ फिर हमसे न उलझना
नहीं लट और उलझन में पड़ जायेगी
ओ पछताओगी कुछ ऐसे
के ये सुरखी लबों की उतर जायेगी
ये सज़ा तुम भूल न जाना
प्यार को ठोकर मत लगाना
के चला जाऊंगा फिर मैं न जाने कहाँ

ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे
दे दूंगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
………………………………………………
O mere sona re-Teersi manzil 1966

Artists: Shammi Kapoor, Asha Parekh

2 comments:

बाबा जी,  April 4, 2020 at 7:18 PM  

सोना चांदी च्यवनप्राश

Geetsangeet April 5, 2020 at 10:50 PM  

आप पतंजलि वाले तो नहीं ?

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