तेरे घर के सामने–शीर्षक गीत १९६३
गूगल ने डूडल बनाया है. ये मेरे हिसाब से उन तमाम ट्रिब्यूट
और कार्यक्रमों से अलग है जो विभिन्न चैनलों पर दिए जाते
हैं.
वैसे तो कलाकारों के फैन्स उनके जन्मदिन याद रखते हैं. पिछले
कुछ साल से चैनलों की बाढ़ सी आ गयी है. उसके बाद तो सभी
चैनलों पर विशेष कार्यक्रम आते हैं. इस बहाने से आम जनता
को भी जानकारी हो जाती है.
सुनते हैं फिल्म तेरे घर के सामने से शीर्षक गीत रफ़ी और लता
का गाया हुआ. हसरत के बोल हैं और एस डी बर्मन का संगीत.
गीत के बोल:
तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊंगा तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊंगा तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊंगा तेरे घर के सामने
घर का बनाना कोई आसान काम नहीं
दुनिया बसाना कोई आसान काम नहीं
दिल में वफ़ायें हों तो तूफ़ां किनारा है
बिजली हमारे लिये प्यार का इशारा है
तन मन लुटाऊंगा तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊंगा तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊंगा तेरे घर के सामने
कहते हैं प्यार जिसे दरिया है आग का
या फिर नशा है कोई जीवन के राग का
दिल में जो प्यार हो तो आग भी फूल है
सच्ची लगन जो हो तो पर्बत भी धूल है
तारे सजाऊंगा तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊंगा तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊंगा तेरे घर के सामने
कांटों भरे हैं लेकिन चाहत के रास्ते
तुम क्या करोगे देखें उल्फत के वास्ते
उल्फत में ताज़ छूटे ये भी तुम्हें याद होग
उल्फत में ताज़ बने ये भी तुम्हें याद होग
मैं भी कुछ बनाऊंगा
हूँ
तेरे घर के सामने
देखें
दुनिया बसाऊंगा तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊंगा तेरे घर के सामने
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Tere ghar ke samne-Titlesong 1963
Artists: Dev Anand, Nutan
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