गोरी गोरी गाँव की गोरी-ये गुलिस्तां हमारा १९७२
बनाया करते थे. आप भी १०-२० युगल गीत सुन लेंगे उनके
रचे तो आपको भी महसूस होगा. विशेषकर देव आनंद पर
फिल्माए गए गीतों में हो-हा और गायकी के लटके झटके
ज्यादा मिलेंगे.
अपने चरखा कातते या हथकरघा पर किसी आधुनिक लड़की
को हाथ साफ़ करते नहीं देखा होगा, इस गीत में देख लीजिए.
कपडा बुनना कितना रोमांटिक हो सकता है पता चलता है.
ये गुलिस्तान हमारा के लिए आनंद बक्षी के लिखे इस गीत
को लता और किशोर ने गाया है. देव आनंद के साथ काफी
सारी नायिकाओं को हमने परदे पर देखा है. शर्मिला टैगोर
के साथ शायद उनकी ये एकमात्र फिल्म है.
गीत के बोल:
गोरी गोरी गाँव की गोरी रे
किस लिये बुन रही डोरी रे
ओ पिया डोरी से बाँध ले गोरी रे
भागे जो करिके तू चोरी रे
ऐ जिया
गोरी गोरी गाँव की गोरी रे
कच्चे हैं तेरे ये रेशम के धागे
टूट जाये जो कोई तोड़ के भागे
जब से सैयां तोसे नेहा लागे
पीछे पीछे मैं हूँ तू आगे आगे
खिंचे चले आओगे जाओगे जहाँ
जा के देखो तो बरजोरी रे
ओ पिया
गोरी गोरी गाँव की घोड़ी रे
मैं तो उड़ जाऊँगा इक पंछी जैसे
मुझे तू बन्दी बना लेगी कैसे
तुझे मैं बन्दी बना लूँगी कैसे
सैयां बैंया में बैंया डाल के ऐसे
तोरे होंठों से लग जाऊँगी मैं
बन के बाँसुरिया तोरी रे
ओ पिया
गोरी गोरी गाँव की गोरी रे
मैं हूँ परदेसी
मैं हूँ परदेसी सुन ले फिर ना कहना
चला जाना है यहाँ नहीं रहना
तेरा रस्ता देखेंगे मेरे नैना
यूँ ही दिन बीतेगा बीतेगी रैना
चहे छुप जा तू घटाओं में चंदा
ढूँढ लेगी ये चकोरी रे
ओ पिया
गोरी गोरी गाँव की गोरी रे
किस लिये बुन रही डोरी रे
ओ पिया डोरी से बाँध ले गोरी रे
भागे जो करिके तू चोरी रे
ऐ जिया
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Gori gori gaon ki-Ye gulistan hamara 1972
Artists: Dev Anand, Sharmila Tagore
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