हँस हँस के हसीनों से नज़र-यास्मीन १९५५
जां निसार अख्तर के लिखे इस गीत को भी गाया है
लता मंगेशकर ने.
सी रामचन्द्र ने काफ़ी सारे गीतकारों के साथ काम किया.
सबसे ज्यादा राजेंद्र कृष्ण के साथ ये तो तय है. उसके
अलावा ५० के दशक में सक्रिय रहे गीतकारों में जो भी
ज्यादा लिखने वाले थे पी एल संतोषी, कमर जलालाबादी,
डी एन मधोक, कवि प्रदीप और भरत व्यास सभी के साथ
उन्होंने हिट गीत तैयार किये. जां निसार अख्तर के साथ
उनके गीत कम हैं.
गीत के बोल:
हँस हँस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा
ये ज़ुल्फ़ ये अबरू ये लचकती हुई बाँहें
बिजली सी गिराती हुई खामोश निगाहें
ये ज़ुल्फ़ ये अबरू ये लाचकती हुई बाँहें
बिजली सी गिराती हुई खामोश निगाहें
है ताक़त-ए-दीदार तो दीदार किये जा
हँस हँस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा
लाज़िम है मुहब्बत में लगावट भी अदा भी
उल्फ़त में मिले कुछ तो तड़पने का मज़ा भी
लाज़िम है मुहब्बत में लगावट भी अदा भी
उल्फ़त में मिले कुछ तो तड़पने का मज़ा भी
इक़रार किये जा कभी इंकार किये जा
हँस हूँस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा
हर एक अदा हुस्न की आँखों में बसा ले
सीने में ज़रा इश्क़ का तूफ़ान जगा ले
सोयी हुई तक़दीर को बेदार किये जा
हँस हँस के हसीनों से नज़र अचार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा
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Hans hans ke haseeno se-Yasmin 1955
Artists: Vaijayantimala
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