तेरी महफ़िल में किस्मत-मुग़ल-ए-आज़म १९६०
ये है मुग़ल-ए-आज़म से फेमस कव्वाली लता मंगेशकर और
शमशाद बेगम की गाई हुई. दो तरीके की विचारधाराओं का
मिश्रण है इसमें. आज जो पुराने गीत तबियत से सुने जाते
हैं उसकी वजह उन गीतों के बढ़िया बोल और संगीत होता
है.
शकील के बोल हैं और नौशाद का संगीत. इसे फिल्माया गया
है मधुबाला और एक दूसरी अभिनेत्री पर जिसका नाम आप
पहचानिये. गौरतलब है इस फिल्म को फिल्म बनाने के विचार
से फिल्मांकन तक पूरे चौदह साल लगे.
गीत के बोल:
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
हा आ आ
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
घड़ी भर को तेरे नज़दीक आकर हम भी देखेंगे
घड़ी भर को तेरे नज़दीक आकर हम भी देखेंगे
अजी हाँ हम भी देखेंगे
आ आ आ आ आ आ
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
तेरे कदमों पे सर अपना झुका कर हम भी देखेंगे
तेरे कदमों पे सर अपना झुका कर हम भी देखेंगे
अजी हाँ हम भी देखेंगे
आ आ आ आ आ आ
बहारें आज पैग़ाम-ए-मोहब्बत ले के आई हैं
बड़ी मुद्दत में उम्मीदों की कलियां मुस्कुराई हैं
बड़ी मुद्दत में ए जी हाँ
बड़ी मुद्दत में उम्मीदों की कलियां मुस्कुराई हैं
ग़म-ए-दिल से जरा दामन बचा कर हम भी देखेंगे
ग़म-ए-दिल से जरा दामन बचा कर हम भी देखेंगे
अजी हाँ हम भी देखेंगे
हा आ आ आ आ आ
अगर दिल ग़म से खाली हो तो जीने का मज़ा क्या है
न हो खून-ए-जिगर तो अश्क़ पीने का मज़ा क्या है
न हो खून-ए-जिगर हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ
न हो खून-ए-जिगर तो अश्क़ पीने का मज़ा क्या है
मोहब्बत में जरा आँसू बहा कर हम भी देखेंगे
मोहब्बत में जरा आँसू बहा कर हम भी देखेंगे
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
अजी हाँ हम भी देखेंगे
आ आ आ आ आ आ
मोहब्बत करने वालो का है बस इतना ही अफ़साना
तड़पना चुपके चुपके आह भरना घुट के मर जाना
तड़पना चुपके चुपके आ हाँ हाँ
तड़पना चुपके चुपके आह भरना घुट के मर जाना
किसी दिन ये तमाशा मुस्कुरा कर हम भी देखेंगे
किसी दिन ये तमाशा मुस्कुरा कर हम भी देखेंगे
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
अजी हाँ हम भी देखेंगे
आ आ आ आ आ आ
मोहब्बत हमने माना ज़िन्दगी बरबाद करती है
ये क्या कम है के मर जाने से दुनिया याद करती है
ये क्या कम है अजी हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ
ये क्या कम है के मर जाने से दुनिया याद करती है
किसी के इश्क़ में दुनिया लुटाकर हम भी देखेंगे
किसी के इश्क़ में दुनिया लुटाकर हाँ हाँ हाँ
तेरी महफ़िल में किस्मत हाँ हाँ हाँ
तेरे कदमों पे सर अपना झुका कर हाँ हाँ हाँ
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
अजी हाँ हम भी देखेंगे
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Teri mehfil mein kismat-Mughal-e-azam 1960
Artists: Madhubala, Dilip Kumar,
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