ये रुत है हसीन-हरजाई १९८१
किशोर कुमार की आवाज़ में.
गीत लिखा है गुलशन बावरा ने और धुन तैयार की है पंचम ने.
गीत के बोल:
ये रुत है हसीन दर्द भी है जवाँ
ये रुत है हसीन दर्द भी है जवाँ
हरजाई नहीं हम ना तुम बेवफ़ा
ये रुत है हसीन दर्द भी है जवाँ
मिलना था हम मिल ही गये
फूल प्यार के खिल ही गये
मिलना था हम मिल ही गये
फूल प्यार के खिल ही गये
हो दिल से यही दूँ मैं दुआ
मिल के ना हो कोई जुदा
ये रुत है हसीन दर्द भी है जवाँ
हरजाई नहीं हम ना तुम बेवफ़ा
सपने थे सपने ही रहे
अपने जब अपने ना रहे
सपने थे सपने ही रहे
अपने जब अपने ना रहे
हो रूठे हो तुम कौन सुने
कोई प्यार का शिकवा गिला
ये रुत है हसीन दर्द भी है जवाँ
हरजाई नहीं हम ना तुम बेवफ़ा
तन मन प्रीत के दीप जले
आये सहर ना रात ढले
तन मन प्रीत के दीप जले
आये सहर ना रात ढले
हो सोचो ज़रा होगी भला
फूल से खुशबू कैसे जुदा
ये रुत है हसीन दर्द भी है जवाँ
हरजाई नहीं हम ना तुम बेवफ़ा
ये रुत है हसीन दर्द भी है जवाँ
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Ye rut hai haseen-Harjai 1981
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