Aug 24, 2017

बेकसी हद से जब गुजर जाए-कल्पना १९६०

हिंदी फिल्मों में एक समय मुजरा गीत काफी हुआ करते थे.
श्वेत श्याम युग की फिल्मों में सबसे ज्यादा मिलेंगे आपको.

आज सुनते हैं ओ पी नैयर के संगीत निर्देशन में बना और
आशा भोंसले का गाया एक गीत. इसे पद्मिनी पर फिल्माया
गया है. जां निसार अख्तर ने इस गीत को लिखा है.

गीत में अशोक कुमार महफ़िल में बैठे दिखाई दे रहे हैं.




गीत के बोल:

बेक़सी हद से जब गुज़र जाए
कोई ऐ दिल जिये के मर जाए
बेक़सी हद से जब गुज़र जाए
कोई ऐ दिल जिये के मर जाए
बेक़सी हद से जब गुज़र जाए

ज़िन्दगी से कहो दुलहन बन के
ज़िन्दगी से कहो दुलहन बन के
आज तो दो घड़ी सँवर जाए
कोई ऐ दिल जिये के मर जाए

उनको जी भर के देख लेने दे
उनको जी भर के देख लेने दे
उनको जी भर के देख लेने दे
दिल की धड़कन ज़रा ठहर जाए
कोई ऐ दिल जिये के मर जाए

हम हैं खुद अपनी जान के दुश्मन
हम हैं खुद अपनी जान के दुश्मन
क्यूँ ये इल्जाम उनके सर जाए
कोई ऐ दिल जिये के मर जाए
बेक़सी हद से जब गुज़र जाए

मेरे नग़मों से उनका दिल न दुखे
मेरे नग़मों से उनका दिल न दुखे
ग़म नहीं मुझपे जो गुज़र जाए
कोई ऐ दिल जिये के मर जाए
बेक़सी हद से जब गुज़र जाए
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Bekasi had se jab guzar jaaye-Kalpana 1960

Artists: Ashok Kumar, Padmini

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