छीन सके तो छीन ले-शगूफा १९५३
सी रामचंद्र के संगीत वाला कातिलाना कोम्बिनेशन एक
बार फिर प्रस्तुत है. फिल्म का नाम है शगूफा.
गीत के बोल:
छीन सके तो छीन ले खुशियाँ मेरे नसीब की
छीन सके तो छीन ले खुशियाँ मेरे नसीब की
लायेगी रंग एक दिन आह किसी गरीब की
मेरी बहार लूट के अपना चमन बसाये जा
मेरी बहार लूट के अपना चमन बसाये जा
ग़म पे मेरे नज़र न कर शौक़ से मुस्कुराये जा
ग़म पे मेरे नज़र न कर शौक़ से मुस्कुराये जा
आग लगा के फूंक दे दुनिया किसी गरीब की
आग लगा के फूंक दे दुनिया किसी गरीब की
छीन सके तो छीन ले
दर्द जो मेरे दिल का है तेरे लिए दवा सही
दर्द जो मेरे दिल का है तेरे लिए दवा सही
मेरे लिये जो मौत है उस में तेरा भला सही
मेरे लिये जो मौत है उस में तेरा भला सही
ये तेरी खुशनसीबियाँ हैं किसी बदनसीब की
ये तेरी खुशनसीबियाँ हैं किसी बदनसीब की
छीन सके तो छीन ले
………………………………………………………..
Cheen sake to chheen le-Shagoofa 1953
Artist: Beena Rai
0 comments:
Post a Comment