कहाँ है तू कहां है-नौबहार १९५२
नौबहार से. शैलेन्द्र का लिखा गीत है जिसका संगीत तैयार
किया है रोशन ने.
गीत के बोल:
कहाँ है तू कहां है मेरी दुनिया लूटने वाले
दुनिया लूटने वाले
बसा कर दिल में अरमां किसलिये बरबाद कर डाले
दुनिया लूटने वाले
तुझे अपनी क़सम ऐसे में दम भर के लिये आजा
लबों पर जान आई ज़िंदगी के पड़ गये लाले
दुनिया लूटने वाले
कहाँ है तू कहां है मेरी दुनिया लूटने वाले
दुनिया लूटने वाले
तुम्हारी याद का ये दिल सहारा ले के बैठा है
मुहब्बत छूटने वाली न अरमां टूटने वाले
दुनिया लूटने वाले
कहाँ है तू कहां है मेरी दुनिया लूटने वाले
दुनिया लूटने वाले
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Kahan hai too kahan-Naubahar 1952
Artist: Nalini Jaywant
2 comments:
Thanks
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