कोयल क्यूँ गाये-आप आये बहार आई १९७१
आप आये बहार आई का प्रसिद्ध युगल गीत याद आ जाता
है. वैसे केरी और मजरूह साहब के गीतों का कोई कनेक्शन
नहीं है. सुल्तानपुर के रहने वाले मजरूह साहब के पडोसी जिले
प्रतापगढ़ में आंवले बहुत होते हैं. बड़े बड़े आंवले के उत्पादन के
लिए प्रतापगढ़ प्रसिद्ध है.
मुरब्बे को हम अंग्रेजी में जैम कहते हैं. अगर आप इस ब्लॉग
के नियमित पाठक हैं तो आपको जैम शब्द के ऊपर हमारी
२-३ पोस्ट ज़रूर मिली होंगी.
आइये सुनें फिल्म का तीसरा गीत कोयल वाली थीम पर. श्रेणी
बनाने के शौक़ीन कुछ ऐसी भी श्रेणियाँ बनाया करते हैं-हीरो
बैठा है-हीरोईन खड़ी है, हीरो खड़ा है-हीरोईन बैठी है. पीला पेंट
पहने हीरो, नीली साडी वाली हीरोईन इत्यादि.
गीत के बोल:
कोयल क्यूँ गाये कोयल क्यूँ गाये कोयल क्यूँ गाये
कोयल क्यूँ गाये कोयल क्यूँ गाये कोयल क्यूँ गाये
कोयल क्यूँ गाये कोयल क्यूँ गाये
बाग से पतझड़ जाए रे बहार चली आये
मन मस्त पवन धडके के अम्बुवा पे कोयल गाये
बादल क्यूँ छाये बादल क्यूँ छाये
बादल क्यूँ छाये बादल क्यूँ छाये
बिरहा के जब गीत कोई गाये रे तो आग लग जाए
रिमझिम पानी बरसे के आकाश पे बादल छाये
हिरनी सी आँख तेरी हिरनी सी आँख तेरी
हिरनी सी आँख तेरी मोरनी सी चाल
आ तुझे मैं पूछूं एक छोटा सा सवाल
बाजे क्यूँ घुँघरू बाजे क्यूँ घुँघरू
पांव में जब काँटा लग जाए माँरे दर्द के हाय
जब रात में नींद ना आये तो
छम छम बाजे घुँघरू
नीले गगन पे आई नीले गगन पे आई
नीले गगन पे आई चाँद की बारात
आ तुझसे मैं पूछूं इक छोटी सी ये बात
मनवा क्यूँ डोले मनवा क्यूँ डोले
नदिया में जब नाव खाए हिचकोले
चोरी चोरी हौले हौले
जब साजन घूंघट खोले तो गोरी का मनवा डोले
इत्ता गुमान देखो देखो इत्ता गुमान देखो देखो
इत्ता गुमान देखो देखो होता है खराब
अब के संभल के देना ओ राजा मुझे देना जवाब
झुमका क्यों झूमे झुमका क्यों झूमे
इत्ती सी बात ना जाने सब तेरे हैं दीवाने
झुमका झूमने के बहाने
तेरा फूल सा मुखडा चूमे
कोयल क्यूँ गाये बादल क्यूँ छाये
कोयल क्यूँ गाये बादल क्यूँ छाये
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Koyal kyun gaaye-Aap aaye bahar aayi 1971
Artists: Rajendra Kumar, Sadhana
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