ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली-शर्मीली १९७१
लगता है मानो गाने वाले के ऊपर एक बाल्टी ठंडा पानी डाल
दिया गया हो और उसे तुरंत गाने को कहा गया हो. गायन में
जितने प्रयोग किशोर कुमार और मन्ना डे के ऊपर किये गए
शायद ही और गायकों को ये अवसर मिले हों.
गीत अपने में काफी लोकप्रिय रहा है और आज भी कभी कभार
सुनाई दे जाता है. नीरज का लिखा गीत किशोर कुमार ने गाया
है एस डी बर्मन के संगीत निर्देशन में. गीत में गीतकार का नाम
भी एक बार आता है चाहे आँखों की तारीफ़ के बहाने ही हो.
गीत के बोल:
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
आओ ना तरसाओ ना
आओ ना तरसाओ ना
ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
तेरा काजल लेकर रात बनी रात बनी
तेरी मेंहदी लेकर दिन उगा दिन उगा
तेरी बोली सुन कर सुर जगे सुर जगे
तेरी खुशबू लेकर फूल खिला फूल खिला
जानेमन तू है कहाँ
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
तेरी राहों से गुज़रे जब से हम जब से हम
मुझे मेरी डगर तक याद नहीं याद नहीं
तुझे देखा जब से दिलरुबा दिलरुबा
मुझे मेरा घर तक याद नहीं याद नहीं
जानेमन तू है कहाँ
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
ओ नीरज नयना आ ज़रा आ ज़रा
तेरी लाज का घूँघट खोल दूं खोल दूं
तेरे आँचल पर कोई गीत लिखूँ गीत लिखूँ
तेरे होंठों में अमृत घोल दूँ घोल दूँ
जानेमन तू है कहाँ
ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
आओ ना तरसाओ ना
आओ ना तरसाओ ना
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली
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O meri sharmili-Sharmili 1971
Artist: Shashi Kapoor, Rakhi
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