परबत के पीछे चम्बे दा गाँव-महबूबा १९७६
दृश्यावली मनमोहक है. बरसों हो गए इसे सुनते हुए मगर एक बात
आज भी पहेली जैसी लगती है. चम्बेदा गांव या चम्बे दा गांव. एक
अनुमान हमने काफी पहले इसके गीतकार का नाम देख कर लगा लिया
वो है दूसरा वाला विकल्प. उदाहरण ‘काके दा ढाबा’. पंजाबी मूल के
आनंद बक्षी ने काफी सारे हिंदी गीतों में पंजाबी भाषा के शब्दों का
प्रयोग किया है.
गीत हेमा मालिनी और राजेश खन्ना पर फिल्माया गया है. लता और
किशोर के गाये इस गीत की धुन बनाई है आर डी बर्मन ने.
गीत के बोल:
परबत के पीछे चम्बे दा गाँव
परबत के पीछे चम्बे दा गाँव
गाँव में दो प्रेमी रहते हैं
परबत के पीछे चम्बे दा गाँव
गाँव में दो प्रेमी रहते हैं
हो ओ ओ ओ
हम तो नहीं वो दीवाना जिनको
दीवाने लोग कहते हैं
हो ओ ओ
गाँव में दो प्रेमी रहते हैं
उनकी बातें सुनते हैं क्यूँ छुप कर सब जाने
उनकी बातें सुनते हैं क्यूँ छुप कर सब जाने
क्या क्या बातें करते रहते हैं वो अब जाने
उन दोनों को नींद नहीं आती क्यूँ रब जाने
तारों के साथ वो जगते हैं रात को
झरनों के साथ बहते हैं
परबत के पीछे चम्बे दा गाँव
गाँव में दो प्रेमी रहते हैं
मिलेंगे या बिछड़ेंगे हाय राम क्या होगा
मिलेंगे या बिछड़ेंगे हाय राम क्या होगा
ना जाने उन दोनों का अंजाम क्या होगा
मुफ़्त में हो जायेंगे बदनाम क्या होगा
घर से निकलते रस्ते पे चलते
ताने हज़ार सहते हैं
हम तो नहीं वो दीवाना जिनको
दीवाने लोग कहते हैं
हो ओ ओ ओ
गाँव में दो प्रेमी रहते हैं
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Parbat ke peechhe chamber da gaon-Mehbooba 1976
Artists: Rajesh Khanna, Hema Malini
3 comments:
महाशियाँ दी हट्टी
MDH. बॉलीवुड को उनपर फिल्म बना देना चाहिए एक.
मिर्ची-धनिया-हल्दी
इसका मतलब है चम्बा घाटी का एक गांव
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