पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए-हाथ की सफाई १९७४
गीत बन जाया करते हैं. आपने अक्सर सुना होगा दारू पीने
के शौकीनों के बारे में-उन्हें बस पीने का बहाना चाहिए.
सन १९७४ की फिल्म हाथ की सफाई में एक गीत है किशोर
का गाया हुआ. गुलशन बावरा ने इसे लिखा है और धुन की
कारीगरी की है कल्याणजी आनंदजी ने.
गीत के बोल:
पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए
अरे पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए
देवदास मितवा गाओ
चन्द्रमुखी के पास आओ
चन्द्रमुखी हो या पारो
कोई फ़र्क़ नहीं है यारों
यारों को तो जीने का बहाना चाहिए
पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए
दो हफ़्ते हमने इस ग़म में पी
के बिछड़ा है दिलदार मेरा
दो हफ़्ते हुए ख़ुशी में पी
के तुझको मिला प्यार तेरा
पीना लेकिन कम ख़ुशी हो या ग़म
अरे पीना लेकिन कम ख़ुशी हो या ग़म
ख़ूब पिएँगे हम ठर्रा हो या रम
अरे पीने का मज़ा कुछ तो आना चाहिए
पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए
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Peene walon ko peene ka-Haath ki safai 1974
Artist: Randhir Kapoor
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