अपने दिल से बड़ी दुशमनी-बेताब १९८२
मगर ऐसा हो ना सका. अगर ये फिल्म सन १९८० के पहले बनी
होती तो शायद संभव होता रफ़ी की आवाज़ वाले गीत इसमें होते.
रफ़ी के अवसान के बाद जिस गायक ने सबसे पहले उस रिक्त स्थान
को भरने की चेष्टा की वो है शब्बीर कुमार. या यूँ कहें संगीतकारों
को रफ़ी की याद निरंतर आती रही और उन्होंने शब्बीर कुमार से
गाने गवाना शुरू कर दिया.
आज सुनते हैं शब्बीर का एक लोकप्रिय गीत. ये एक युगल गीत है
जिसमें लता मंगेशकर की आवाज़ भी है. फिल्म का ये गीत लिखा
है आनंद बक्षी ने और इसके संगीतकार हैं राहुल देव बर्मन.
गीत के बोल:
अपने दिल से बड़ी दुशमनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
अपने दिल से बड़ी दुशमनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
अपने दिल को जला के रोशनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
अपने दिल को जला के रोशनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
अपने दिल से बड़ी दुशमनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
तुमने अच्छा सहारा दिया
बेसहारा मुझे कर दिया
कल गले से लगाया मुझे
आज ठुकरा दिया बेवफ़ा
आज ठुकरा दिया बेवफ़ा
तुमने अच्छी सनम दिल्लगी की
किसलिये मैंने ठुमसे दोस्ती की
अपने दिल से बड़ी दुशमनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
आस्माँ बन गयी ये ज़मीं
मेरे हमदम मेरे हमनशीं
तुमने देखी मेरी बेरुखी
बेबसी मेरी देखी नहीं
बेबसी मेरी देखी नहीं
मैं हूँ तसवीर इक बेकसी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
अपने दिल को जला के रोशनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
हर खुशी बस फराई हुई
मेरी दुश्मन खुदाई हुई
मुझको अफ सोस है प्यार में
मुझसे ये बेवफ़ाई हुई
मुझसे ये बेवफ़ाई हुई
मैंने तुमपे फ़िदा ज़िंदगी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
अपने दिल को जला के रोशनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
अपने दिल से बड़ी दुशमनी की
किसलिये मैंने तुमसे दोस्ती की
................................................................
Apne dil se badi dushmani-Betaab 1982
Artists: Sunny Deol, Amrita Singh
0 comments:
Post a Comment