Jan 7, 2018

देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँ-पायल की झंकार १९८०

एक गीत सुनते हैं राजकमल के संगीत निर्देशन वाला. ७० के
दशक में राजकमल ने सावन को आने दो फिल्म के गीतों से
तहलका मचाया था. राजकमल यूँ तो हिंदी फिल्म संगीत के
क्षेत्र में काफी पहले आ गए थे मगर प्रसिद्धि उन्हें उसी फिल्म
से मिली जिसका जिक्र हमने ऊपर किया है.
   
फिल्म का नाम है पायल की झंकार जिसका गीत आज आप
सुनेंगे. इसे माया गोविन्द ने लिखा है और इस गीत को येसुदास
और सुलक्षणा पंडित गा रहे हैं. फ़िल्मी कृष्ण भजन है मगर इसे
सुनते सुनते आप ध्यानमग्न हो जायेंगे.




गीत के बोल:

देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँ
छलिया छेड़े बाँसुरिया
देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँ
छलिया छेड़े बाँसुरिया
देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँ

बंशी बजा के करे बरजोरी
बंशी बजा के करे बरजोरी
बिनती करूँ पर माने नहीं मोरी
देखो देखो रोके हमरी डगरिया
छलिया छेड़े बाँसुरिया
देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँ

जमुना पे आई भरन गगरिया
गगरिया गगरिया
जमुना पे आई भरन ग

नीर भरत जमुना तट पर जब
भर भर नीर उठाई गगर
तब डगर चलत मोहे छेड़त लंगर
हट जाओ जी कुँवर फूटी जात गगर
मोहे छोड़ छोड़ माधव माधव माधव
मोहे छोड़ छोड़ माधव माधव माधव
मोहे छोड़ छोड़ माधव माधव माधव

जमुना पे आई भरन गगरिया
मैं तो भोली श्यामा गुजरिया
भरी गगरी पे मारी कंकरिया
छलिया छेड़े बाँसुरिया
देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँ
छलिया छेड़े पांसुरिया
देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँ

दीम ता रे ना दिर देना देरे न
दीम ता रे ना दिर देना देरे न
दीम ता दीम ता दीम ता ना दिर देना देरे न
दीम ता दीम ता दीम ता ना दिर देना देरे न
ना दिर न दीम ता दीम ता दीम ता दीम देरे न
देरे न
दीम ता रे ना दिर देना देरे न
ओ दिर तानी दिर दिर तानी दीम तानी दीम देरे न
ओ दिर दिर तानी दीम तानी दीम देरे न
ता दीम ता दीम ता दीम ता दीम देरे न
ता दीम ता दीम ता दीम ता दीम देरे न
धागर किट तक धुम किट तक धि ता धा ता धा ता
दीम तारे ना दिर देना देरे न देरे न देरे न
देरे न देरे न

गोपाल गोपाल गोपाल
बिन गोपाल भयो ब्रज सूनो
बिन गोपाल भयो ब्रज सूनो
कहाँ हो गोपाल कहाँ हो गोपाल
कहाँ हो गोपाल चौपाल
बिन गोपाल भयो ब्रज सूनो
मधुवन सूनो यमुना सूनी
मधुवन सूनो यमुना सूनी
आज कदम की छैयां सूनी
आज कदम की छैयां सूनी
यशोदा को घर आँगन सूनो
नन्द बाबा की अँखियाँ सूनी
सूनी सूनी दधि की मटकियाँ
राधा रानी को मन सूनो
कहाँ हो गोपाल
कहाँ हो गोपाल
कहाँ हो गोपाल
गोपाल
..............................................................
Dekho Kanha nahin maanat-Payal ki jhankar 1980

2 comments:

चांदनी सूरी,  January 7, 2018 at 10:46 PM  

मधुर गीत

नरेन्द्र सैनी,  January 8, 2018 at 10:44 PM  

अच्छा भजन है

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