वो हैं ज़रा खफ़ा खफ़ा-शागिर्द १९६७
पसंद है तो किसी को मुंह चिपचिपाने लगे ऐसी. गानों के
मामले में भी सबका जजमेंट जुदा जुदा है.
एक मीठा गीत सुनते हैं लक्ष्मी प्यारे के संगीत वाला फिल्म
शागिर्द से. फिल्म में जॉय मुखर्जी और सायरा बानो की जोड़ी
है.
गीत लता और रफ़ी ने गाया है. बोल मजरूह सुल्तानपुरी के
हैं. फिल्म के लगभग सभी गीत लोकप्रिय हैं.
गीत के बोल:
वो हैं ज़रा खफ़ा खफ़ा
तो नैन यूं चुराये हैं के
हो हो हो हो हो
वो हैं ज़रा खफ़ा खफ़ा
तो नैन यूं चुराये हैं के
हो हो हो हो हो
ना बोल दूं तो क्या करूँ
वो हँस के यूँ बुलाए हैं के
हो हो हो हो हो
हँस रही है चाँदनी
मचल के रो ना दूं कहीं
ऐसे कोई रूठता नहीं
ये तेरा खयाल है
करीब आ मेरे हंसीं
मुझको तुझसे कुछ गिला नहीं
बात यूँ बनाए हैं के ओ हो हो हो हो
वो हैं ज़रा खफ़ा खफ़ा
तो नैन यूं चुराये हैं के
हो हो हो हो हो
फूल को महक मिले
ये रात रंग में ढले
मुझपे तेरी गर ज़ुल्फ़ खुले
तुम ही मेरे संग हो
गगन की छांव के तले
ये रुत यूंही भोर तक चले
प्यार यूँ जताए है के ओ हो हो हो हो
ना बोल दूं तो क्या करूँ
वो हँस के यूँ बुलाए हैं के
हो हो हो हो हो
ऐसे मत सताइये
ज़रा तरस तो खाइये
दिल की धड़कन मत जगाइये
कुछ नहीं कहूंगा मैं
न अंखड़ियाँ झुकाइये
सर को काँधे से उठाइये
ऐसे नींद आए है के उं उं उं उं उं
वो हैं ज़रा खफ़ा खफ़ा
तो नैन यूं चुराये हैं के
हो हो हो हो हो
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Wo hain zara khafa khafa-Shagird 1967
Artists: Joy Mukherji, Saira Bano
2 comments:
आपने गीत का तीसरा अन्तरा भी दिया उसके लिए थैंक्स.
बहुत सी जगह दो ही अंतरे हैं इसके.
आपने धन्यवाद दिया ये मेरा सौभाग्य है उम्मीद है भविष्य में
औरों से भी.
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