मैं नदिया की धारा-नाग पंचमी १९७२
अक्सर रेडियो के चैनलों और टी वी के चैनलों पर देखते हैं किन्तु
कुछ गीत ऐसे भी हैं जो हमें देखने को या सुनने को नहीं मिला
करते हैं.
ऐसा ही एक गीत है सन १९७२ की फिल्म नाग पंचमी से जिसे
लिखा है इन्दीवर ने और इसके संगीतकार हैं रवि. बहुत खूबसूरत
झरने के आस पास ये गीत फिल्माया गया है.
गीत के बोल:
मैं नदिया की धारा बाहें तेरी किनारा
देता चल मुझको सहारा
साथ है इतना प्यारा कम है ये जीवन सारा
आयेंगे जग में दोबारा
मैं नदिया की धारा बाहें तेरी किनारा
देता चल मुझको सहारा
कौन संभालेगा मुझको बिन तेरे भटक जाऊँगी
कौन संभालेगा मुझको बिन तेरे भटक जाऊँगी
जहाँ जहाँ ले जायेगा तू वहाँ वहाँ आऊंगी
छूटेगा ना साथ हमारा
देता चल मुझको सहारा
साथ है इतना प्यारा कम है ये जीवन सारा
आयेंगे जग में दोबारा
मैं नदिया की धारा बाहें तेरी किनारा
देता चल मुझको सहारा
रूप रंग रस की तू गंगा मैं प्यासा पनघट हूँ
रूप रंग रस की तू गंगा मैं प्यासा पनघट हूँ
और पास आने को तरसूं यूँ तो बहुत निकट हूँ
जीवन मेरा तूने संवारा
आयेंगे जग में दोबारा
मैं नदिया की धारा बाहें तेरी किनारा
देता चल मुझको सहारा
साथ है इतना प्यारा कम है ये जीवन सारा
आयेंगे जग में दोबारा
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Main nadiya ki dhara-Naag Panchmi 1972
Artists: Jayshri Gadkar, Manhar Desai
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