Apr 2, 2018

दो कदम तुम ना चले-एक हसीना दो दीवाने १९७२

समय के साथ इंसान के सारे गिले-शिकवे और गीले-सूखे
खत्म होते चलते हैं. ये सिर्फ इस वजह से नहीं होता है कि
इंसान उदार हो चला है और सबको भुलाता और माफ करता
चलता है बल्कि इस वजह से भी कि कई चीज़ों पर उसका
बस नहीं चलता.

सुनते हैं फिल्म एक हसीना दो दीवाने फिल्म से मुकेश का
गाया एक उम्दा गीत जो इन्दीवर की कलम से निकला है.
इसका संगीत कल्याणजी आनंदजी ने तैयार किया है. इसे
नामवर नाम के गीतकार ने लिखा है.



गीत के बोल:

दो कदम तुम ना चले दो कदम हम न चले
दो कदम तुम ना चले दो कदम हम न चले
आरजुओं के दिए बुझ गए जलते जलते
दो कदम तुम ना चले दो कदम हम न चले

हम तो आँखों में बसा लेंगे तुम्हारे गम को
हम तो आँखों में बसा लेंगे तुम्हारे गम को
तुम कभी भूल के भी याद न करना हमको
अपनी मंजिल तुम्हें मिल जायेगी चलते चलते

दो कदम तुम ना चले दो कदम हम न चले
आरजुओं के दिए बुझ गए जलते जलते
दो कदम तुम ना चले दो कदम हम न चले

वक्त ने ज़हर भरा प्यार के पैमानों में
वक्त ने ज़हर भरा प्यार के पैमानों में
सो गए ख्वाब सुलगते हुए वीरानों में
जान से जायेंगे हम दर्द के ढलते ढलते

दो कदम तुम ना चले दो कदम हम न चले
आरजुओं के दिए बुझ गए जलते जलते
दो कदम तुम ना चले दो कदम हम न चले
..............................................................................
Do kadam tum na chale-Ek haseena do deewane 1972

Artists: Jeetendra, Babita

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