खोये हो आखिर किस बेखुदी में-चला मुरारी हीरो बनने १९७७
एक गीत सुनवाते हैं. गीत का वीडियो उपलब्ध नहीं है अतः इसका
विवरण देने की इच्छा नहीं हो रही है. फिर भी हम आपको इसके
गीतकार और संगीतकार का नाम बतलाये देते हैं. आँख मूँद कर
कॉपी पेस्ट करने वालों का ध्यान रखना भी तो ज़रूरी है आखिर.
गायिका: आशा भोंसले
गीतकार: योगेश
संगीत: आर डी बर्मन
गीत के बोल:
खोये हो आखिर किस बेखुदी में
कुछ और भी है हो इस जिंदगी में
नज़ारे सुहाने खुशी के तराने
जुबी ज़ुबिया जुबी ज़ुबिया जुबी ज़ुबिया
जुबी जुबी ज़ुबिया
दिल में तेरे ही नहीं मेरे भी कहीं ना कहीं
कोई तो अरमान है
कल के भरोसे पर होता है जो बेखबर
आज से नादान है
कोई गम है अगर करने की तू फिकर
हम भी तो साथी हैं तेरे हमसफ़र
हो खोये हो आखिर किस बेखुदी में
कुछ और भी है हो इस जिंदगी में
नज़ारे सुहाने खुशी के तराने
राही मंजिलों के रास्तों की मुश्किलों से कभी
हारते थकते नहीं
जिसमें है दम कभी उसके कदम कहीं राहों में
रुकते नहीं
छोडो भी मायूसी तोडो भी ख़ामोशी
आने दो होंठों पे थोड़ी तो हंसी
हो खोये हो आखिर किस बेखुदी में
कुछ और भी है हो इस जिंदगी में
नज़ारे सुहाने खुशी के तराने
जुबी ज़ुबिया जुबी ज़ुबिया जुबी ज़ुबिया
जुबी जुबी ज़ुबिया
जुबी ज़ुबिया जुबी ज़ुबिया जुबी ज़ुबिया
जुबी जुबी ज़ुबिया
जुबी ज़ुबिया जुबी ज़ुबिया जुबी ज़ुबिया
जुबी जुबी ज़ुबिया
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Khoye ho aakhir kis bekhudi mein-Chala murari hero banne 1977
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