May 28, 2018

साथिया नहीं जाना के-आया सावन झूम के १९६९

लगाते हैं बस एक टीका. ये तो एक विज्ञापन की पञ्च लाइन है
मगर हमारे एक मित्र हैं जो चाहे जहाँ टीकाकरण कर दिया करते
हैं मानो पल्स पोलियो का कोई केम्पेन चला रहे हों. Zab zab उनकी
याद आ जाती है दिल zoom zoom उठता है. इस फिल्म को भी
वे प्यार से ‘आया सावन zoom के’ कहते हैं.

इस गीत को भी वे जब गाते हैं तो मानो ये लगता है zee tv  का
प्रचार कर रहे हों. साथिया नहीं zaana के zee ना लगे. ऐसे गाने
सुन के दिल गार्डन-गार्डन, फोरेस्ट-फोरेस्ट, रिवर-रिवर हो जाता है.

प्रस्तुत गीत युगल गीत है लता और रफ़ी का गाया हुआ. पॉपुलर
है ये भी फिल्म के दुसरे युगल गीत की तरह. आनंद बक्षी और
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल क्रमशः इसके गीतकार और संगीतकार हैं.

   

गीत के बोल:

साथिया साथिया
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
मौसम है सुहाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
साथिया मैंने माना के जी ना लगे
जी को था समझाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे

मेरे अच्छे बालमा छोडो आज बैयां
वो छूटा जो सैयां कल आये ना
जा के फिर आओगी आ के फिर जाओगी
आने जाने में जवानी ढल जाये ना
हो ओ ओ छोडो आना जाना के जी ना लगे

साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
साथिया मैंने माना के जी ना लगे

जी का बुरा हाल है जब से जी लगाया
तुझे जी में बसाया तेरे हो लिए
जी का था ख्याल तो काहे जी लगाया
मुझे जी में बसाया ऐ जी बोलिए
हो ओ ओ अब काहे पछताना के जी ना लगे

साथिया मैंने माना के जी ना लगे
सठिया नहीं जाना के जी ना लगे

जाने की तो बालमा मर्ज़ी नहीं मेरी
दर लगता है बैरी जगवालों से
ओये छड्डो वी ना सोनियो जग से डरते हो
जग खुद डरता है दिलवालों से
हो ओ ओ छोडो ये बहन के जी ना लगे

साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
मौसम है सुहाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
…………………………………………………….
Saathiya nahin jaana-Aaya sawan jhoom ke 1969

Artists: Dharmendra, Asha Parekh

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