Showing posts with label Aaya sawan jhoom ke. Show all posts
Showing posts with label Aaya sawan jhoom ke. Show all posts

May 30, 2018

मैं एक हसीना वो एक दीवाना-आया सावन झूम के १९६९

हसीना और दीवाना का रिश्ता बरसों पुराना है जैसे केरी और पुदीना
का. ज़माने ने दोनों की चटनी खूब बनाई है. मोहब्बत के दुश्मनों
की आँख में प्यार हमेशा से सूवर के बाल की तरह खटकता रहा.

सुनते हैं लक्ष्मी छाया के ऊपर फिल्माया गया एक गीत १९६९
की फिल्म आया सावन झूम के से. झूम शब्द आपको गीत में
भी मिल जायेगा.

आशा भोंसले इन इसे गाया है. आनंद बक्षी के बोल हैं और इसकी
मलाई का कटोरा सरीखी धुन तैयार की है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने.




गीत के बोल:

मैं एक हसीना वो एक दीवाना
तारों भरी रात में पहली मुलाक़ात में
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया
मैं एक हसीना वो एक दीवाना
तारों भरी रात में पहली मुलाक़ात में
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया

कैसे शुरू हुई दिल की कहानी सुनो
कैसे शुरू हुई दिल की कहानी सुनो
मैं शर्मा रही थी कहीं जा रही थी
किया एक इशारा किसी ने पुकारा
मैंने देखा घूम के उसने देखा झूम के
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया

दो दिन ना मैं मिली उसका मुझे खत मिला
दो दिन ना मैं मिली उसका मुझे खत मिला
लिखा था सितमगर ना आई वो जा कर
खता हो गई क्या खफा हो गई क्या
दो दिन में ये हाल है देखो तो कमाल है
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया

मैं एक हसीना वो एक दीवाना
तारों भरी रात में पहली मुलाक़ात में
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया
बस उसने देखा मैंने देखा
प्यार हो गया प्यार हो गया
हो गया
............................................................................
Main ek haseena-Aaya sawan jhoom ke 1969

Artist: Laxmi Chhaya, Dharmendra

Read more...

May 28, 2018

साथिया नहीं जाना के-आया सावन झूम के १९६९

लगाते हैं बस एक टीका. ये तो एक विज्ञापन की पञ्च लाइन है
मगर हमारे एक मित्र हैं जो चाहे जहाँ टीकाकरण कर दिया करते
हैं मानो पल्स पोलियो का कोई केम्पेन चला रहे हों. Zab zab उनकी
याद आ जाती है दिल zoom zoom उठता है. इस फिल्म को भी
वे प्यार से ‘आया सावन zoom के’ कहते हैं.

इस गीत को भी वे जब गाते हैं तो मानो ये लगता है zee tv  का
प्रचार कर रहे हों. साथिया नहीं zaana के zee ना लगे. ऐसे गाने
सुन के दिल गार्डन-गार्डन, फोरेस्ट-फोरेस्ट, रिवर-रिवर हो जाता है.

प्रस्तुत गीत युगल गीत है लता और रफ़ी का गाया हुआ. पॉपुलर
है ये भी फिल्म के दुसरे युगल गीत की तरह. आनंद बक्षी और
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल क्रमशः इसके गीतकार और संगीतकार हैं.

   

गीत के बोल:

साथिया साथिया
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
मौसम है सुहाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
साथिया मैंने माना के जी ना लगे
जी को था समझाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे

मेरे अच्छे बालमा छोडो आज बैयां
वो छूटा जो सैयां कल आये ना
जा के फिर आओगी आ के फिर जाओगी
आने जाने में जवानी ढल जाये ना
हो ओ ओ छोडो आना जाना के जी ना लगे

साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
साथिया मैंने माना के जी ना लगे

जी का बुरा हाल है जब से जी लगाया
तुझे जी में बसाया तेरे हो लिए
जी का था ख्याल तो काहे जी लगाया
मुझे जी में बसाया ऐ जी बोलिए
हो ओ ओ अब काहे पछताना के जी ना लगे

साथिया मैंने माना के जी ना लगे
सठिया नहीं जाना के जी ना लगे

जाने की तो बालमा मर्ज़ी नहीं मेरी
दर लगता है बैरी जगवालों से
ओये छड्डो वी ना सोनियो जग से डरते हो
जग खुद डरता है दिलवालों से
हो ओ ओ छोडो ये बहन के जी ना लगे

साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
मौसम है सुहाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
…………………………………………………….
Saathiya nahin jaana-Aaya sawan jhoom ke 1969

Artists: Dharmendra, Asha Parekh

Read more...

May 27, 2018

रामा दुहाई रामा दुहाई-आया सावन झूम के १९६९

छत पे सोना हिट्स के अंतर्गत एक गीत सुनिए १९६९ की फिल्म
आया सावन झूम के से. गीत लता मंगेशकर ने गाया है.

छत पे जनता क्यूँ सोती है. किसी ज़माने में पंखा नहीं होता था
तब जनता छत पर सोया करती थी. आज भी ये चलन में है. अब
सवाल ये है क्या गर्मी के अलावा सर्दी और बारिश में भी सोती है.
गीत और संगीत क्रमशः आनंद बक्षी और लक्ष्मी प्यारे का है.




गीत के बोल:

सुन री सखी हौले हौले इबलक जिया मेरा डोले
कल रात छत पे मैं सोयी सपने में आया रे कोई
आ के पकड़ ली मेरी नाज़ुक कलाई
रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई
बैयाँ मरोड़ी चूडियाँ तोड़ी
हाय हाय पूछो ना जी क्या मेरी हालत बनाई
रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई

सखियाँ हो तुम बस नाम की मेरे साथी सवेरे शाम की
सखियाँ हो तुम बस नाम की मेरे साथी सवेरे शाम की
तुम्हें आवाज़ दे के पुकारा नाम ले के
मुसीबत मुझपे पड़ी रही सब दूर खड़ी
कोई सहेली मेरे पास नहीं आई
रामा दुहाई रामा दुहाई रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई

वो रंग है ना रूप है वो छांव है ना धूप है
वो रंग है ना रूप है वो छांव है ना धूप है
हुआ क्या जाने मुझे कोई पहचाने मुझे
के देखी आईने में जो सूरत आज मैंने
मैं अपनी सूरत ना पहचान पाई
रामा दुहाई रामा दुहाई रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई

पलकों पे मुझको बिठाया मुझे ऐसे गले से लगाया
पलकों पे मुझको बिठाया मुझे ऐसे गले से लगाया
लड़ी मैं आँख लड़ी बड़ी मुश्किल में पड़ी
रहूँ चुप तो जी डरे न जाने क्या है रहे
शोर मचाऊं तो हो जाए रुसवाई
रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई

बैयाँ मरोड़ी चूडियाँ तोड़ी
हाय हाय पूछो ना जी क्या मेरी हालत बनाई
रामा दुहाई मेरे रामा दुहाई
……………………………………………………………..
Rama duhai Rama duhai-Aaya sawan jhoom ke 1969

Artists: Asha Parekh

Read more...

May 25, 2018

ये शमा तो जली-आया सावन झूम के १९६९

फ़िल्मी गीतों के कुछ की वर्ड्स होते हैं उनमें से एक है शमा. ये
शमा परवाना या शमा रौशनी या सिर्फ शमा के बारे में हो सकता
है.

आया सावन झूम के फिल्म से रफ़ी का गाया एक लोकप्रिय गीत
सुनते हैं जो आनंद बक्षी की कलम से निकला है. इसका संगीत
लक्ष्मी प्यारे के स्टेबल से निकला है.

एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं ये इस गीत के ज़रिये समझा
जा सकता है. जैसे कपडे इस्त्री करने वाला इस्त्री से कपडे पर प्रेस
भी कर सकता है तो उसे जला भी सकता है. ऐसे बहुत से उदाहरण
हो सकते हैं मगर ऐसे उदाहरण हम उन विशेष पाठकों के लिए
कभी कभार देते हैं जो अदृश्य से आते हैं और झाड़ू लगा जाते हैं.
चिड़िया को भी दाना डालो तो बदले में कम से कम वो चूं चूं
कर के जाती है. इंसान कम से कम टिप्पणी तो कर ही सकता है.



गीत के बोल:

ये शमा तो जली रोशनी के लिये
इस शमा से कही आग लग जाये तो
ये शमा क्या करे
ये शमा तो जली रोशनी के लिये
इस शमा से कही आग लग जाये तो
ये शमा क्या करे
ये हवा तो चली सांस ले हर कोई
घर किसी का उजड़ जाये आँधी में तो
ये हवा क्या करे

चल के पूरब से ठंडी हवा आ गयी
चल के पूरब से ठंडी हवा आ गयी
उठ के परबत से काली घटा छा गयी
ये घटा तो उठी प्यास सबकी बुझे
आशियाँ पे किसी के गिरी बिजलियाँ तो
ये घटा क्या करे

ये शमा तो जली रोशनी के लिये

पूछता हूँ मैं सबसे कोई दे जव़ाब
पूछता हूँ मैं सबसे कोई दे जव़ाब
नाखुदा की भला क्या खता हैं जनाब
नाखुदा ले के साहिल के जानिब चला
डूब जाये सफीना जो मझधार में तो
नाखुदा क्या करे

ये शमा तो जली रोशनी के लिये

वो जो उलझन सी तेरे खयालों में हैं
वो जो उलझन सी तेरे खयालों में हैं
वो इशारा भी मेरे सवालों में हैं
ये निग़ाह तो मिली देखने के लिये
पर कही ये नजर धोखा खा जाये तो
तो ये निग़ाह क्या करे

ये शमा तो जली रोशनी के लिये
इस शमा से कही आग लग जाये तो
ये शमा क्या करे
………………………………………………….
Ye shama to jail-Aaya sawan jhoom ke 1969

Artists: Dharmendra, Asha Parekh

Read more...

Feb 17, 2018

बदरा छाये-आया सावन झूम के १९६९

ऋतु बसंत की है और गाना सावन का. ये मावठे की बारिश का
कमाल है जो सावन के गीत याद आने लगते हैं. प्रस्तुत गीत
बदरा, बादल, बारिश, पानी और ससावन श्रेणियों में आने वाला
एक बेहद लोकप्रिय गीत है.

सुनते हैं फिल्म आया सावन झूम के फिल्म का शीर्षक गीत जिसे
लता और रफ़ी ने गाया है. आनंद बक्षी रचयिता हैं इस गीत के
और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल संगीतकार.

फिल्म में धर्मेन्द्र और आशा पारेख की प्रमुख भूमिकाएं हैं. इन दोनों
ने जो फ़िल्में साथ की हैं जिनमें उल्लेखनीय हैं मेरा गांव मेरा देश
और समाधि. मेरा गांव मेरा देश का निर्देशन राज खोसला ने किया
था और आया सावन झूम के फिल्म के निर्देशक हैं रघुनाथ झालानी.
फिल्म समाधि के निर्देशक हैं प्रकाश मेहरा.



गीत के बोल:

बदरा हाय ऐ ऐ ऐ
बदरा छाये के झूले पड़ गए हाय
के मेले लग गए ओ मच गयी धूम रे
के आया सावन झूम के हो ओ ओ ओ
आया सावन झूम के
बदरा हो ओ ओ ओ
बदरा छाये के झूमे पर्वत हाय रे
कजरारी बदरिया को चूम के
के आया सावन हो ओ ओ ओ
झूम के आया सावन झूम के

काहे सामने सबके बालमवा तू छेड़े जालमवा
काहे सामने सबके बालमवा तू छेड़े जालमवा
काहे फेंके नज़र की डोरी तू लुक-छुप के गोरी
हो ओ ओ ओ ओ हो
गजरा हाय
गजरा हाय रे बैरी बिखरा जाए रे
मेरे कजरा ओये मच गयी धूम रे
के आया सावन हो ओ ओ ओ
झूम के आया सावन झूम के

जाने किसको किसकी याद आई के चली पुरवाई
जाने किसको किसकी याद आई के चली पुरवाई
जाने किस बिरहन का मन तरसा के पानी बरसा
हो ओ ओ ओ हो
कंगना हाय
कंगना लाये के घर लौट के आये
परदेसी बिदेसवा से घूम के
के आया सावन हो ओ ओ ओ
झूम के आया सावन झूम के

तेरे सेहरे की हैं ये लड़ियाँ के सावन की झडियाँ
तेरे सेहरे की हैं ये लड़ियाँ के सावन की झडियाँ
ये हैं मस्त घटाओं की टोली के तेरी है डोली

धडका जाये हो ओ ओ ओ
धडका जाये रे मेरा मनवा हाय
सजनवा के मच गयी धूम रे
के आया सावन हो ओ ओ ओ
झूम के आया सावन झूम के

बडरा छाये के झूले पड़ गए हाय
के मेले लग गए मच गयी धूम रे
के आया सावन हो ओ ओ ओ
झूम के आया सावन झूम के
आया सावन झूम के आया सावन झूम के
आया सावन झूम के आया सावन झूम के
हो हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आया सावन झूम के आया सावन झूम के
……………………………………………………….
Badra chhaye-Aaya sawan jhoom ke 1969

Artists: Dharmendra, Asha Parekh

Read more...

Feb 13, 2018

माझी चल ओ माझी चल-आया सावन झूम के १९६९

हिंदी फिल्म संगीत के तीन लोकप्रिय माझी गीत इस प्रकार से हैं
ओ रे माझी(बंदिनी), माझी नैया ढूंढें किनारा(उपहार) और तीसरा
ओ माझी रे(खुशबू). आज एक और सुनेंगे जो इतना लोकप्रिय तो
नहीं मगर कर्णप्रिय और खूबसूरत गीत है.

रफ़ी ने इसे गाया है. आनंद बक्षी के लिखे बोलों को सुरों में ढाला है
लक्ष्मी प्यारे ने. गौरतलब है मुकेश का गाया फिल्म उपहार का माझी
गीत भी आनंद बक्षी ने लिखा है और संगीत भी इसी संगीतकार जोड़ी
ने तैयार किया है.



गीत के बोल:

माझी चल ओ माझी चल
माझी चल हो ओ ओ माझी चल
माझी चल ओ माझी चल
माझी चल हो ओ माझी चल
तू चले तो छम छम बाजे मौजों की पायल
ओ माझी चल माझी चल
माझी चल हो ओ ओ माझी चल

तेरा जीवन नदिया की धार है
तन है नैया मन पतवार है
तेरा जीवन नदिया की धार है
तन है नैया मन पतवार है
सुन ओ माझी मौजों की पुकार है
थाम ले तू
थाम ले तू मस्त पवन का लहराता आँचल
ओ माझी चल ओ माझी चल
माझी चल हो ओ ओ माझी चल

आशाओं से नाता जोड़ दे ये निराशा के बंधन तोड़ दे
आशाओं से नाता जोड़ दे ये निराशा के बंधन तोड़ दे
सुन ओ माझी आज का गम तू छोड़ दे
आज तो पीछे
आज तो पीछे रह गया है सामने है कल
ओ माझी चल ओ माझी चल
माझी चल हो ओ ओ माझी चल
ओ माझी चल ओ माझी चल
माझी चल ओ ओ ओ माझी चल
तू चले तो छम छम बाजे मौजों की पायल
माझी चल माझी चल
माझी चल हो ओ ओ माझी चल
माझी चल माझी चल
माझी चल हो ओ ओ माझी चल
……………………………………………………….
O majhi chal-Aaya sawan jhoom ke 1969

Artist: Dharmendra, Asha Parekh

Read more...

Sep 10, 2016

बुरा मत सुनो-आया सावन झूम के १९६९

एक उपदेशात्मक गीत सुनते हैं रफ़ी की आवाज़ में. आनंद बक्षी
के लिखे गीत की धुन बनाई है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने. रफ़ी का
गाया ये गीत लोकप्रिय है. फिल्म के शीर्षक गीत के बाद शायद
यही सबसे ज्यादा लोकप्रिय है.

गीत की पहली पंक्ति रोचक है जिस पर शायद संत महात्मा ही
अमल कर सकते हैं, आम आदमी के बस का नहीं है ये काम.
फिर भी, कुछ हद तक अच्छे गुणों वाले इंसान ये काम करते हैं
जिससे नकारात्मकता थोड़ी कम होती है.

परदे पर धर्मेन्द्र गीत को गा रहे हैं. आया साबुन झूम के फिल्म
का निर्देशन रघुनाथ झालानी ने किया था.



गीत के बोल:

नज़र वो जो दुश्मन पर भी मेहरबान हो
नज़र वो जो दुश्मन पर भी मेहरबान हो
जुबान वो जो एक प्यार की दास्तान हो

किसी ने कहा है मेरे दोस्तों
किसी ने कहा है मेरे दोस्तों
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
किसी ने कहा है मेरे दोस्तों
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
बुरी है बुराई मेरे दोस्तों
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो

ज़माने में सब जिंदगी यूँ गुजारें
ज़माने में सब जिंदगी यूँ गुजारें
गुलिस्तां में रहती हैं जैसे बहारें
ये कहानी यही है जिंदगानी यही है
ये कहानी यही है जिंदगानी यही है
जियो आप औरों को भी जीने दो
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो

हसीं हैं बहुत ज़ुल्फ़ के भी फ़साने
हसीं हैं बहुत ज़ुल्फ़ के भी फ़साने
मोहब्बत की बातें वफ़ा के टर्राने
ये तराने सुनाओ ये फ़साने सुनाओ
ये तराने सुनाओ ये फ़साने सुनाओ
मगर याद रखो मेरे साथियों
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो

किसी ने कहा है मेरे दोस्तों
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
बुरी है बुराई मेरे दोस्तों
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो

जो मैंने कहा है वो तुम सब कहो
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
बुरा मत सुनो बुरा मत देखो बुरा मत कहो
..................................................................
Bura mat suno-Aaya sawan jhoom ke-1969

Artist: Dharmendra

Read more...
© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP