जब दो प्यार मिलते हैं-सवेरे वाली गाड़ी १९८६
किशोर कुमार ने गाया है. सनी देवल के हिस्से में
भी अपने पिता धर्मेन्द्र की तरह कुछ सॉफ्ट किस्म
के रोल आये मगर उनके कैरियर में वो ढाई किलो
का हाथ वाले रोल ही ज्यादा आये.
धर्मेन्द्र को निर्देशक काफी अच्छे मिले उनके कैरियर
के पूर्वार्ध में. हृषिकेश मुखर्जी और असित सेन जैसे
निर्देशकों की बदौलत कई यादगार फ़िल्में बनीं धर्मेन्द्र
की.
गीत सुन लेते हैं ज्यादा विवरण में ना उलझ कर.
मजरूह के बोल हैं और आर डी बर्मन का संगीत.
गीत में एक कतार में ढेर सारी बैलगाडियां दिखलाई
दे रही हैं अतः इसे आप चाहें तो बैलगाडी गीत भी
कह सकते हैं.
गीत के बोल:
हो जब दो प्यार मिलते हैं
जब दो प्यार मिलते हैं
तन में फूल खिलते हैं
मन के मंदिर में
जल जाते हैं दिए
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Jab do pyar milte hain-Savere wali gaadi 1986
Artist: Sunny Deol
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