Jun 19, 2018

क्या तेरी जुल्फें हैं-हम सब उस्ताद हैं १९६५

गीत जब पहली पंक्ति में केशकर्तन या बालों के तेल
वाली इंडस्ट्री का विज्ञापन सा सुनाई दे तो गीतकार
तुरंत ही उसकी दूसरी पंक्ति आँखों के काजल वाले
उद्योग के लिए लिख देता है.

हमने कभी इस तरीके से नहीं सोचा कि गीत उत्पाद
की बिक्री में सहयक हो सकते हैं. ये बात, मगर,
विज्ञापन जगत के कर्ता-धर्ता सोचते रहते हैं और
उनकी खोपड़ी में जो आइडिया की फैक्टर चालू रहती
है वो सभी संभावनाओं पर विचार करती है. ऐसा गर
नहीं होता तो हमें फ़िल्मी गाने विज्ञापनों में नहीं
सुनाई देते. बीटेक्स के विज्ञापन में ओये ओये गाने
की पैरोडी सुनाई गई है. सुना है ये दाद खाज खुजली
के काम आने वाला मलहम है.

सुनते हैं असद भोपाली की खूबसूरत रचना जिसे गाया
है किशोर कुमार ने और आशा भोंसले ने संगीतकार हैं
लक्ष्मी प्यारे.




गीत के बोल:

उफ़ ये निखरा हुआ चेहरा
ये परेशान जुल्फें
कुछ तो कहिये मेरी सरकार
इरादा क्या है
क्या ?

क्या तेरी जुल्फें है आ हा क्या तेरी आँखे हैं
आ हा मैं जिसे उम्र भर ढूँढा किया वही है तू
आ हा क्या तेरी बातें हैं आ हा क्या मुलाक़ातें है
आ हा दिल जिसे बिन मिले चाहा किया वही है तू
आ हा क्या तेरी जुल्फें है
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Kya tri zulfen hain-Ham sab ustad hain 1965

Artists: Kishore Kumar, Amita

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