Jul 16, 2018

बीत चली हाय राम-सच्चाई १९६९

हमने एक पिछली पोस्ट में बात की थी जिमें गीतकार
राजेंद्र कृष्ण के साथ शंकर जयकिशन की गीतों की
संख्या पर बात की थी. शैलेन्द्र के जाने के बाद जो
रिक्तता आई उससे सबसे ज्यादा असर शंकर जयकिशन
की जोड़ी पर पड़ा. उनके संगीत को शैलेन्द्र और हसरत
की जोड़ी सम्पूर्णता तक पहुंचाती थी.

गीत के अलावा भी कई ऐसे मुद्दे हैं जिनसे गीत बढ़िया
बनता है. आपसी ट्यूनिंग, मूड, वातावरण, अच्छे साजिन्दे,
अच्छे सहायक और उम्दा गायक. फिल्मकार संगीत का
जानकार हुआ तो बेहतर धुनें बनवा लेता है. राज कपूर
और देव आनंद इसके बढ़िया उदाहरण हैं.

फिल्म के निर्देशक के शंकर हैं जिन्होंने सन १९६२ की
झूला का निर्देशन भी किया था. इसके अलावा १९६४ की
राजकुमार में भी शंकर जयकिशन ने संगीत दिया है.
झूला के संगीतकार हैं सलिल चौधरी आर आपको मन्ना डे
का अविस्मरणीय गीत-एक समय पर दो बरसातें तो
याद होगा ही.

ये गीत साधना को ही समर्पित है. इसमें उनकी नृत्य कला
और भाव अदायगी और सौंदर्य का भरपूर ध्यान रखा गया
है. अलग अलग गेट अप के अलावा तरह तरह के सेट गीत
का आकर्षण हैं. साधना के इतने ज्यादा क्लोज़ अप शॉट
आपको राज खोसला की फिल्मों में मिलेंगे.

गीत आशा भोंसले ने गाया है.



गीत के बोल:

बीत चली हाय राम रुत ये बहार की
बीत चली हाय राम रुत ये बहार की
आये ना अब तक बालमा
धीरे धीरे टूट रही आस मेरे प्यार की
आये न अब तक बलमा
हो ओ ओ आये न अब तक बालमा

तेरी यादो को दिल से लगाये हुए
कब से बैठी हूँ अंखिया बिछाये हुए
तेरी यादो को दिल से लगाये हुए
कब से बैठी हूँ अंखिया बिछाये हुए
जाने वाले जुदाई में तेरी मुझे
जाने वाले जुदाई में तेरी मुझे
एक जमाना हुआ मुस्कुराये हुये

बीत चली हाय राम रुत ये बहार की
आये ना अब तक बालमा
हो ओ ओ आये न अब तक बालमा

भीगे सावन में दिल मेरा जलता रहा

तेरा गम मेरे सीने में पलता रहा
भीगे सावन में दिल मेरा जलता रहा
तेरा गम मेरे सीने में पलता रहा
मैं खड़ी ही रही दिल को थामे हुए
मैं खड़ी ही रही दिल को थामे हुए
दर्द बिरहा का करवट बदलता रहा

बीत चली हाय राम रुत ये बहार की
आये ना अब तक बालमा
हो ओ ओ आये न अब तक बालमा

एक दिन आ के वादा निभाओगे तुम
मन के उजड़े नगर को बसाओगे तुम
एक दिन आ के वादा निभाओगे तुम
मन के उजड़े नगर को बसाओगे तुम
जी रही हूँ अभी तक इसी आस पर
जी रही हूँ अभी तक इसी आस पर
आ के सीने से मुझको लगाओगे तुम

बीत चली हाय राम रुत ये बहार की
आये ना अब तक बालमा
हो ओ ओ आये न अब तक बालमा
धीरे धीरे टूट रही आस मेरे प्यार की
आये न अब तक बलमा
हो ओ ओ आये न अब तक बालमा
……………………………………………..
Beet chali haaye Ram-Sachchai 1969

Artist: Sadhana

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