उधर तुम हसीं हो-मिस्टर एंड मिसेज़ ५५
होटल की किसी टेबल का नंबर हो या किसी डांस कोम्पिटीशन
के प्रतियोगियों का नंबर हो.
ऐसा कुछ नहीं है फिल्म सन १९५५ में रिलीज़ हुई थी और
जाने क्या निर्देशक को सूझी इसका नाम वर्ष के नाम पर
रख दिया गया.
गीत दत्त और रफ़ी की आवाज़ वाले इस मधुर युगल गीत की
रचन की है मजरूह सुल्तानपुरी ने और इसका संगीत तैयार
किया है ओ पी नैयर ने.
गीत मास्टरपीस है क्यूंकि इसमें गीता दत्त की आवाज़ और
मधुबाला का रेयर कोम्बिएशन मौजूद है.
गीत के बोल:
उधर तुम हसीं हो इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की एक दास्ताँ है
ये कैसा है नग़मा ये क्या दास्ताँ है
बता ए मोहब्बत मेरा दिल कहाँ है
मेरे दिल में आई हुई है बहार
क़यामत है फिर क्यूँ करूँ इन्तज़ार
मोहब्बत कुछ ऐसी सज़ा दे रही है
के खुद रात अंगड़ाई ले रही है
जिधर देखती हूँ नज़ारा जवाँ है
उधर तुम हसीं हो इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की एक दास्ताँ है
लगती हैं तारों की परछाईयाँ
बुरी हैं मुहब्बत की तन्हाईयाँ
महकने लगा मेरी ज़ुल्फ़ों में कोई
लगीं जागने धड़कनें खोई-खोई
मेरी हर नज़र आज दिल की ज़ुबाँ है
उधर तुम हसीं हो इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की एक दास्ताँ है
ये कैसा है नग़्मा ये क्या दास्ताँ है
बता ए मोहब्बत मेरा दिल कहाँ है
तरसता हूँ मैं ऐसे दिलदार को
जो दिल में बसा ले मेरे प्यार को
तेरे ख़्वाब हैं मेरी रातों पे छाए
मेरे दिल पे हैं तेरी पलकों के साए
के मेरे लबों पे तेरी दास्ताँ है
उधर तुम हसीं हो इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की एक दास्ताँ है
ये कैसा है नग़्मा ये क्या दास्ताँ है
बता ए मोहब्बत मेरा दिल कहाँ है
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Udhar tum haseen ho-Mr & Mrs. 55
Artists: Guru Dutt, Madhubala
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