ये कैसी अदाएं-राग रंग १९५२
प्रस्तुत गीत के गीतकार कैफ इरफ़ानी हैं. गाने के शुरू
में jazz की कोई राग है और उसके बाद देसी राग.
कवियों और गीतकारों की पंक्तियाँ डिकोड करना कोई
बच्चों का खेल नहीं. अब पिछले गीत को ही लीजिए जो
कह रहा है-दिल की लगी और दिल लगाना अलग अलग
आइटम हैं जैसे आग लगी और आग लगाना दो अलग
बातें हैं.
और भी सरल शब्दों में पुंगी बजना और पुंगी बजाना
अलग अलग पहलू हैं. ये हिंदी में पढ़ने में अटपटा लग
रहा है. मानिए, कसम से, जब इसी बात को आप किसी
जगह अंग्रेजी में लीपा हुआ पायेंगे तो आपको पढ़ने में
आनंद आएगा.
पहले तो हवा में तारीफ करो, टायर से हवा निकलवाओ
फ़िर शिकवे-शिकायत करो. ऐसा करो ही क्यों. जब प्यार
की ओखली में सर दे ही दिया है तो मूसल से क्यूँ घबराना
गीत के बोल:
ये कैसी अदाएं हैं उनकी अदाएं
के दिल को भी तोड़ें नज़र भी न आएं
ये कैसी अदाएं हैं उनकी अदाएं
के दिल को भी तोड़ें नज़र भी न आएं
ये कैसी अदाएं
ये दिल जो लगाया बड़ी चोट खाई
ये दिल जो लगाया बड़ी चोट खाई
जफ़ा तुमने की और मुझे शर्म आई
मुझे ले न डूबे ये मेरी खतायें
ये कैसी अदाएं हैं उनकी अदाएं
के दिल को भी तोड़ें नज़र भी न आएं
ये कैसी अदाएं
वही आसमाँ है वही चाँद तारे
वही आसमाँ है वही चाँद तारे
मगर तुम नहीं वो न वादे तुम्हारे
ये किस जुर्म की मिल रही हैं सज़ायें
ये कैसी अदाएं हैं उनकी अदाएं
के दिल को भी तोड़ें नज़र भी न आएं
ये कैसी अदाएं
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Ye kaisi adayen-Raag rang 1952
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