मुझे देखो हसरत की तसवीर हूँ मैं-बाज़ १९५३
हैं. ये बात पुराने संगीत के रसिकों से बेहतर कौन समझ
सकता है.
नैयर के संगीत में तलत महमूद के गाये गीत रेयर की
श्रेणी में आते हैं. इसके अलावा सोने की चिड़िया में
तलत के गाये गाने हैं. कुल जमा तीन फ़िल्मी गाने याद
आते हैं.
ये उम्दा गीत मजरूह सुल्तानपुरी की कलम से निकला है.
वीडियो गाने में एक अंतरा कम है नंबर दो वाला.
गीत के बोल:
मुझे देखो हसरत की तसवीर हूँ मैं
मुझे देखो हसरत की तसवीर हूँ मैं
जो बन बन के बिगड़ी वो तक़दीर हूँ मैं
मुझे देखो हसरत की तसवीर हूँ मैं
गिरा जो ज़मीं पर मैं हूँ इक वो आँसू
मैं हूँ इक वो आँसू
गिरा जो ज़मीं पर मैं हूँ इक वो आँसू
मैं हूँ इक वो आँसू
मिली ख़ाक़ में ऐसी तदबीर हूँ मैं
जो बन बन के बिगड़ी वो तक़दीर हूँ मैं
मुझे देखो हसरत की तसवीर हूँ मैं
नहाया हुआ हूँ खुद अपने लहू में
खुद अपने लहू में
नहाया हुआ हूँ खुद अपने लहू में
खुद अपने लहू में
मगर फिर भी बेरंग तसवीर हूँ मैं
जो बन बन के बिगड़ी वो तक़दीर हूँ मैं
मुझे देखो हसरत की तसवीर हूँ मैं
चला मैं तो अहले वतन खुश रहो तुम
रहो खुश रहो तुम
चला मैं तो अहल-ए-वतन खुश रहो तुम
रहो खुश रहो तुम
न बैठा निशाने पे वो तीर हूँ मैं
जो बन बन के बिगड़ी वो तक़दीर हूँ मैं
मुझे देखो हसरत की तसवीर हूँ मैं
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Mujhe dekho hasrat ki tasveer-Baaz 1953
Artist: Guru Dutt
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