खुश रहो साथियों-जिंदगी जिंदगी १९७२
क्या क्या नहीं कर जाते हैं. खुशियों के पल जो सहजता
से प्राप्त होते हैं उनकी बात ही निराली है. ये कुछ पल
से लेकर घंटों दिनों तक हो सकते हैं. इन्हें याद कर के
भी मनुष्य खुश हो लेता है.
फिल्म जिंदगी जिंदगी से एक युगल गीत सुनते हैं जिसे
किशोर और लता ने गाया है. आनंद बक्षी के बोल हैं आर
एस डी बर्मन का संगीत.
गीत के बोल:
खुश रहो साथियों खुश रहो साथियों
तुम्हें छोड़ के हम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
तुम्हें छोड़ के हम चले हमें छोड़ के गम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
मुझे तेरे दुःख ने सैयां कितना रुलाया है
मुझे तेरे प्रेम ने गोरी मौत से बचाया है
मुझे तेरे दुःख ने सैयां कितना रुलाया है
मुझे तेरे प्रेम ने गोरी मौत से बचाया है
बहते बहते मगर ये आज आंसू थम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
तुम्हें हम नहीं भूलेंगे हमें तुम भुलाना ना
मिलेंगे कभी आशा के दीपक बुझाना ना
तुम्हें हम नहीं भूलेंगे हमें तुम भुलाना ना
मिलेंगे कभी आशा के दीपक बुझाना ना
हँसते हँसते तुम्हारी आँखें कर के नाम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
गयी रे जुदाई आईं प्रेम की रतियाँ
गयी रे जुदाई गयी रे
गयी रे जुदाई आईं प्रेम की रतियाँ
किसी और के मुखड़े पे ठहरे न अँखियाँ
तेरे मुख पे सांवरिया मेरे नैना जम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
तुम्हें छोड़ के हम चले हमें छोड़ के गम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
खुश रहो साथियों तुम्हें छोड़ के हम चले
तुम्हें छोड़ के हम चले
तुम्हें छोड़ के हम चले
.........................................................................
Khush raho sathiyon-Zindagi zindagi 1972
Artists: Sunil Dutt, Waheeda Rehman, Farida Jalal, Dev Mukherji
0 comments:
Post a Comment