बुझा दे जल गई-इम्तिहान १९७४
लगी हुई आग की बात हो रही है. ये ऐसी आग है जो
दिखती नहीं. अलग अलग भाव हो सकते हैं इस आग
के. आग की तरह झाग भी कई प्रकार का होता है उस
पर आख्यान फिर कभी कर लेंगे.
गीत है फिल्म इम्तिहान से जिसे आशा भोंसले ने गाया
है. मजरूह के बोल हैं और लक्ष्मी प्यारे का संगीत.
गीत के बोल:
बुझा दे जल गई अरे मैं जल गई
न जाने कैसी लगी अगन सजना
आ जा रे आ जा पिया
गया रे गया जिया
बुझा दे जल गई अरे मैं जल गई
न जाने कैसी लगी अगन सजना
आ जा रे आ जा पिया
गया रे गया जिया
बुझा दे
अपना ये ज़ख्म-ए-जिगर दिखाऊँ
जाने जान कितना तुझे कितना
जबसे हुई मैं घायल हुआ रे
मुश्किल बचना मेरा बचना
पर तुझे क्या पता मैं जियूं या मरूं
बेवफा बेखबर तू बता क्या करूं
काहे इतना तड़पाए तू
बुझा दे जल गई अरे मैं जल गई
न जाने कैसी लगी अगन सजना
आ जा रे आ जा पिया
गया रे गया जिया
बुझा दे
शाम जहाँ होने लगी के होने लगी
रे धक् धक् जिया धक् धक्
चैन मुझे आये नहीं जुदाई में
तेरी किसी पल किसी करवट
नाम लूं मैं तेरा और आहें भरूं
ये नहीं तो बता मैं जातां क्या करूं
कैसे दिल को चैन आये तो
बुझा दे जल गई अरे मैं जल गई
न जाने कैसी लगी अगन सजना
आ जा रे आ जा पिया
गया रे गया जिया
बुझा दे
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Bujha de jal gayi-Imtihaan 1974
Artist: Vinod Khanna, Bindu
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