Oct 12, 2019

घंटी बजाये गुलफ़ाम-हनीमून १९९२

घंटा घड़ियाल हिट्स के अंतर्गत सुनते हैं एक गीत फिल्म
हनीमून से. ये सन १९९२ वाला हनीमून है. जिस फिल्म में
दो या अधिक नायिकाएं होतीं तो पब्लिक कहती नायक की
पाँचों उँगलियाँ घी में.

सुनते हैं फिल्म से अगला गीत जिसे लिखा है एम् जी हशमत
ने और धुन तैयार की है आनंद मिलिंद ने. सपना मुखर्जी,
जॉली मुखर्जी और सुदेश भोंसले ने इसे गाया है.



गीत के बोल:

घंटी बजाये गुलफ़ाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम
घंटी बजाये गुलफ़ाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम
मैं भी हूँ तुम भी हो तुम भी हो और मैं भी हूँ
मिल के गुजारेंगे शाम
घंटी बजाये गुलफाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम
घंटी बजाये गुलफाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम

आ जा तुझको जन्नत दिखाऊंगी
आ जा आ जा
अरे आ जा तुझको जन्नत दिखाऊंगी
दिल तेरा बहलाऊंगी
नरम नाज़ुक उँगलियों से
तन बदन सहलाऊंगी
शरबत पिलाऊंगी किशमिश खिलाऊँगी
ठुमका लगाऊंगी नाचूंगी गाऊंगी
फूलों पे सुला के दूँगी मैं तुझे आराम
घंटी बजाये गुलफाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम
घंटी बजाये गुलफाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम

आया हूँ मैं महफ़िल में तेरी
आ जा आ जा
अरे आया हूँ मैं महफ़िल में तेरी लौट के ना जाऊँगा
जितने फल हैं पास तेरे सब के सब मैं खाऊंगा
अंगूर भी हैं खजूर भी हैं अनार भी हैं गुलनार भी है
होंठों से चबा ले ये है हुस्न दीवाना
घंटी बजाये गुलफ़ाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम
घंटी बजाये गुलफ़ाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम

मैं जन्नत के बाग में आ कर खाता था अंगूर
कहाँ से आ गया लंगूर
आपका ये अंगूर खाना मुझको नामंजूर
मैं तो रोकूँगा हुज़ूर
मीठा नहीं खट्टा नहीं ज्यादा खाना अच्छा नहीं
अरे रोक मत टोक मत जानता हूँ बच्चा नहीं
मक्खन ना मलाई नहीं कोई चिकनाई नहीं
तेरे नसीब में कोई भी मिठाई नहीं
मुझको तो मीठा चाहिए साथ में नमकीन भी
दौलत के साथ चाहिए दावतें रंगीन भी
तू जी भर के खा ले ये हैं मीठे मीठे आम
घंटी बजाये गुलफ़ाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम
घंटी बजाये गुलफ़ाम मेरे होंठों के जाम तेरे नाम

तुम हो बीबी उस जहाँ की इस जगह क्यों आई हो
तेरा मेरा नाता टूटा लगती मुझे परायी हो
अरे तुम हो बीबी उस जहाँ की इस जगह क्यों आई हो
तेरा मेरा नाता टूटा लगती मुझे परायी हो
डर मत अपनी बीबी से तू ऐश कर खुले आम

……………………………………………………….
Ghanti bajaye gulfam-Honeymoon 1992

Artists: Kadar Khan, Varsha Usgaonkar, Shakti Kapoor, Bindu

2 comments:

अमरीकन कालू,  March 28, 2020 at 7:53 PM  

सही जा रहे हैं

Geetsangeet April 5, 2020 at 10:56 PM  

वो तो वक्त ही बतलायेगा.

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP