जा री बहना जा-त्रिशूल १९७८
और गीत सुनते हैं जो बहन की विदाई पर भाई
गा रहा है. डोली सोंग्स की श्रेणी में गिना जाता
है इसे. विदाई गीत भी कह लेते हैं इसे क्यूंकि
जाने का संकेत दिया जा रहा है.
किशोर कुमार, येसुदास और पामेला चोपड़ा के
गाये इस गीत की रचना साहिर ने की है और इस
गीत का संगीत खय्याम ने तैयार किया है.
गीत के बोल:
बाप का घर क्या भाई का घर क्या
आज समझ सबको अनजान
लड़की जिस घर में पलती है
उस घर होती है मेहमान
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तू अपने घर जा
लड़की का जब बचपन जाये
मायका साथ ही जाये
उसका जीवन साथी का घर
उसका घर कहलाये
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तू अपने घर जा
लड़की के जीवन में
जिस दिन ये शुभ अवसर आये
सास बने माता उसकी और
ससुर पिता कहलाये
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तुझको
ये नव जीवन रास आये
तेरे आँगन लक्ष्मी नाचे
दुर्गा दीप जलाये
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तू अपने घर जा
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Ja ri behna ja-Trishul 1978
Artists: Poonam Dhillon,
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