ये नैना याद हैं पिया-मंजिल मंजिल १९८४
से एक है मंजिल मंजिल. फिल्मों में अक्सर याद
खोने के बाद पिक्चर खतम होने से पहले वापस
आ जाया करती है. असल जीवन में ऐसे अवसर
कम आते हैं.
एक स्टेज प्रोग्राम हो रहा है जिसमें नाचने गाने
जैसा कुछ हो रहा है. साबा से शोले फिल्म का
साम्भा याद आ जाता है. परदे पर गीत गा रही
हैं लीना दास और जो कलाकर नायक नायिका के
अलावा दिख रहे हैं उनमें से एक हैं तारिक. हीरो
माउथ ऑर्गन बजाता है उससे शायद याददाश्त
वापस आने की संभावना है. वीडियो में से एक
अंतरा गायब है. गीत के आखिर में शैलेन्द्र सिंह
की आवाज़ भी प्रकट होती है अतः इसे सोलो सोंग
नहीं कहा जा सकता.
गीत के बोल:
व्हाऊँ व्हाऊँ व्हाऊँ व्हाऊँ
ऊं हे साबा हे साबा हे साबा
हू हू हू ऊ साबा
ये नैना याद है पिया के भूल गये
ये नैना याद है पिया के भूल गये
इनमें देखो तो किसकी तस्वीर है
आगे मेरी तक़दीर है
आ जा रे आ
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हो ये नैना याद है पिया के भूल गये
हो देखो ए दिलरुबा मेरे हाथो पे
आज भी है निशां तुम्हारे होठों के
हाथो में देखो तो किसकी ये तस्वीर है
आगे मेरी तक़दीर है आ जा रे आ आ आ
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हे साबा हे साबा हे साबा
हू हू हू ऊ साबा
हो हो के तुमसे जुदा और क्या होना
उठ रहा है धुंआ बदन से देखो ना
हो ओ ओ ओ
हो हो के तुमसे जुदा और क्या होना
उठ रहा है धुंआ बदन से देखो ना
धुएं में देखो तो किसकी ये तस्वीर है
आगे मेरी तक़दीर है आ जा रे आ
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
ये नैना याद है पिया के भूल गये
इनमें देखो तो किसकी तस्वीर है
आगे मेरी तक़दीर है आ जा रे आ आ आ
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हो आँखे न बदलो इस दौर से
देखो तो मुझको ज़रा गौर से
आँखे न बदलो इस दौर से
देखो तो मुझको ज़रा गौर से
तेरे लिए जो दर दर फिरा
हाँ मैं वो ही हूँ दीवाना तेरा
याद करो जाने जहां
अब नहीं रहना तेरे बिना
अब नहीं रहना तेरे बिना
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Ye naina yaad hain piya-Manzil manzil 1984
Artists: Dimple Kapadia, Sunny Deol
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