घड़ियाँ गिनी हैं मैंने तेरे इंतजार की-दोराहा १९५२
है. मोबाइल ने इनकी उपियोगिता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया
है. किसी ज़माने में ये फैशन का सामान भी हुआ करती थीं.
पहनने को तो आज भी पब्लिक पहनती है मगर आबादी
का छोटा हिस्सा.
घंटे-घड़ियाल हिट्स के अंतर्गत हमने आपको अभी तक ५-६
गीत सुनवा दिए हैं. एक और सुन लेते हैं जो बेचारा सुने
जाने को बेताब है.
गीत है दोराहा फिल्म से जिसे प्रेम धवन ने लिखा है और
अनिल बिश्वास ने संगीत से संवारा. इसे लता मंगेशकर ने
गाया है
गीत के बोल:
घड़ियाँ गिनी हैं मैंने तेरे इंतजार की
क्या तुझको भी खबर है दिल-ए-बेकरार की
क्या तुझको भी खबर है दिल-ए-बेकरार की
ओ दिल-ए-बेकरार की
ओ दिल-ए-बेकरार की
वो भीगी भीगी राह
वो दिल से नज़र की बात
जादू सा कर गयी हैं निगाहें वो प्यार की
जादू सा कर गयी हैं निगाहें वो प्यार की
हो निगाहें वो प्यार की
हो निगाहें वो प्यार की
तुमसे तो हर तरफ थे गुल्चां खिले हुए
लाऊँ कहाँ से हाय वो मस्ती बहार की
लाऊँ कहाँ से हाय वो मस्ती बहार की
वो मस्ती बहार की
वो मस्ती बहार की
दुनिया की कुछ खबर है ना अपना ही होश है
दुनिया से ही तो है मेरे सब्र-ओ-करार की
दुनिया से ही तो है मेरे सब्र-ओ-करार की
मेरे सब्र-ओ-करार की
मेरे सब्र-ओ-करार की
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Ghadiyan gini hain maine-Doraha 1952
Artist: Nalini Jaywant
1 comments:
अब बाकी के गीत भी सुनवा डालिए
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