प्रभु द्वार चली प्रभु की दासी-शेरू १९५७
से सजा गीत सुनते हैं फिल्म शेरू से जिसे मन्ना डे
ने गाया है.
शास्त्रीय और उपशास्त्रीय संगीत का सम्बन्ध देसी हिंदी
सिनेमा से काफ़ी पुराना है और समय समय पर हमें
कुछ उम्दा सामान सुनने को उपलब्ध हो जाता है.
यू ट्यूब के आगमन के पूर्व मन्ना डे के दुर्लभ गाने
सुन पाना एक दुर्लभ अनुभव सरीखा ही होता था. जब
मुकेश, रफ़ी और किशोर के दुर्लभ गीत ही सुनने को
नहीं मिला करते थे तो मन्ना डे के कहाँ मिलते?
गीत के बोल:
प्रभु द्वार चली प्रभु की दासी
एक आस लिए एक प्यास लिए
प्रभु द्वार चली प्रभु की दासी
एक आस लिए एक प्यास लिए
प्रभु द्वार चली
मुस्कान के फूल सजाये हुए
नैनों के दीप जलाये हुए
मुस्कान के फूल सजाये हुए
नैनों के दीप जलाये हुए
निकली थी ???? ????? को
मन में अपना विश्वास लिए
प्रभु द्वार चली प्रभु की दासी
एक आस लिए एक प्यास लिए
प्रभु द्वार चली
तराना........
तेरो नाम ओमकार गावत सब बार बार
तेरो नाम ओमकार गावत सब बार बार
लाज मेरी तेरे हाथ जगत के खिवैया
तराना........
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Prabhu dwar chali-Sheroo 1957
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