मैं क्या जानूँ क्या जादू है-जिंदगी १९४०
तुम्हें पता नहीं चलता मगर सुनने वाले पर तो जादू
हो ही जाता है. कहाँ से लाये थे तुम ये आवाज़ कि
दूसरा तुम्हारे जैसा इस सदी में भी नहीं मिला अभी
तक.
केदार शर्मा का लिखा ये सर्वकालिक लोकप्रिय गीत
सुनते हैं जिसका संगीत तैयार कर के और सहगल से
गवा कर पंकज मलिक ने इसे अमर कर दिया.
गीत के बोल:
मैं क्या जानूँ क्या जादू है
जादू है जादू है
मैं क्या जानूँ क्या जादू है
इन दो मतवाले नैनों में जादू है
जादू है जादू है
मैं क्या जानूँ क्या जादू है
एक एक अथाह सागर सा है
एक एक अथाह सागर सा है
इन दो मतवाले नैनों में जादू है
जादू है जादू है
मैं क्या जानूँ क्या जादू है
मन पूछ रहा है अब मुझसे
नैनों ने कहा है क्या तुझसे
मन पूछ रहा है अब मुझसे
नैनों ने कहा है क्या तुझसे
जब नैन मिले नैनों ने कहा
नैनों ने कहा
जब नैन मिले नैनों ने कहा
अब नैन बसे के नैनों में
मैं क्या जानूँ क्या जादू है
जादू है जादू है
इन दो मतवाले नैनों में जादू है
जादू है जादू है
मैं क्या जानूँ क्या जादू है
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Main kya janoon kya-Zindagi 1940
Artist: KL Saigal
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