ए मेरे बेटे-आ गले लग जा १९७३
किशोर कुमार ने गाया है शशि कपूर के लिए. अपने
देश में स्केटिंग के शौक पर बनी शायद ये एकमात्र
फिल्म है. दूसरी भी हो सकती है मगर मेरे ध्यान
में नहीं है. यूँ तो कई नायक नायिकाओं को हमने
फिल्मों में स्केटिंग करते देखा है मगर फिल्म का एक
बड़ा भाग इस शौक को समर्पित हो ऐसे देखने में
नहीं आया.
गीत साहिर लुधियानवी का है और इसका संगीत
आर डी बर्मन ने तैयार किया है. गीत में एक आवाज़
और है-सुषमा श्रेष्ठ की जिन्हें हम आज पूर्णिमा के
नाम से जानते हैं.
गीत के बोल:
ए मेरे बेटे सुन मेरा कहना
चाहे दुख होये हँसते ही रहना
ए मेरे बेटे सुन मेरा कहना
चाहे दुख होये हँसते ही रहना
तू मेरे बेटे क्यों रोये
अँखियों के मोती क्यों खोये
मैं तेरा घोड़ा मैं हाथी
मैं तेरे दुख सुख का साथी
तेरा मैं सहारा हूँ मेरा तू सहारा है
जान से भी प्यारा है
आ जा आ जा
ए मेरे बेटे सुन मेरा कहना
चाहे दुख होये हँसते ही रहना
रखना भरोसा उसपे सदा
जिसने है सबको जन्म दिया
कल तेरा पापा रहे न रहे
अब जो कहा फिर कहे न कहे
कहा न भुलाना तू
वही रखवाला है उसी को बुलाना तू
आ जा आ जा
ए मेरे बेटे सुन मेरा कहना
चाहे दुख होये हँसते ही रहना
सोचा था क्या और क्या लाया
देते हुए जी भर आया
ले ये बैसाखी ले ले रे
मेरे अभागे हाथों से
इसी के सहारे चल चल मेरे प्यारे चल
पापा के दुलारे चल
आ जा आ जा
ए मेरे पाप्पा सुन मेरा कहना
चाहे दुख होवे हँसते ही रहना
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Ae mere bete-Aa gale lag ja 1973
Artists: Shahsi Kapoor, A kid
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