मुझे गले से लगा लो-आज और कल १९६३
फिल्म आज और कल से. एक लोकप्रिय गीत हमराही
फिल्म से आप शायद आपने नहीं सुना है उसे भी हम
जल्द सुनवायेंगे.
गले लगना और गले पड़ना दो संभावित केटेगरी हो
सकती हैं गले से सम्बंधित गानों के लिए. गले लगना
एक सहज प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसका जानवर भी
इस्तेमाल किया करते हैं. ढेर सारी क्रियाओं का संगम
प्रक्रिया कहलाता है.
गीत एक बार फिर से साहिर लुधियानवी का है और
इसका संगीत तैयार किया है रवि ने. आशा भोंसले इस
गीत की गायिका हैं साथ में रफ़ी की आवाज़ भी है.
गीत के बोल:
मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं
गमे जहां से छुड़ा लो बहुत उदास हूँ मैं
मुझे गले से लगा लो
नज़र में तीर से चुभते है अब नज़रो से
मैं थक गई हूँ सभी टूट के सहारों से
अब और बोझ न डालो बहुत उदास हूँ मैं
गमे जहां से छुड़ा लो बहुत उदास हूँ मैं
मुझे गले से लगा लो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया मगर उदास न हो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया मगर उदास न हो
करीब है शब-ए-ग़म की सहर उदास न हो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया
सितम के हाथ की तलवार टूट जाएगी
ये ऊँच नीच की दीवार टूट जाएगी
तुझे कसम है मेरी हमसफ़र उदास न हो
तुझे कसम है मेरी हमसफ़र उदास न हो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया
ना जाने कब ये तरीका ये तौर बदलेगा
सितम का ग़म का मुसीबत का दौर बदलेगा
मुझे जहां से उठा लो बहुत उदास हूँ मैं
गमे जहां से छुड़ा लो बहुत उदास हूँ मैं
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया मगर उदास न हो
करीब है शब-ए-ग़म की सहर उदास न हो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया
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Mujhe gale se laga lo-Aaj aur Kal 1963
Artist: Nanda, Sunil Dutt
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