मैं क्या जानूं काहे लागे-चंद्रसेना १९५९
उल्लेखनीय गीत हैं उनमें कुछ और भी हैं जैसे फिल्म
अनाड़ी के दो गीत-तेरा जाना और वो चाँद खिला जिसमें
से बाद वाला दत्ताराम ठेके के लिए जाना जाता है. ठेका
ढोलक का, वो दूसरा वाला नहीं जी.
गीत हम आपको और भी बतलाते रहेंगे जब जब १९५९
की फिल्मों का उल्लेख होगा.
भीषण गर्मी दस्तक दे रही है ऐसे में लिम्का शिमका पीने
के बजाये ये गाना सुन लेते हैं. सावन का नाम सुनते ही
कलेजे में ठंडक पड़ जाती है.
इस गीत के गीतकार और संगीतकार क्रमशः गुलशन बावरा
और कल्याणजी-आनंदजी हैं. इसे सुन के ऐसा आभास होता
है मानो ये धुन किसी और गीत में भी इस्तेमाल की गई
हो-जहाँ तक मेरा अंदाजा है किसी धार्मिक गीत में.
गीत के बोल:
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
मैं क्या जानूं
मैं क्या जानूं काहे लागे ये सावन मतवाला रे
रूप जवानी मस्ती ने ये जादू तुझ पर डाला रे
मैं क्या जानूं हे
मैं क्या जानूं काहे लागे ये सावन मतवाला रे
रूप जवानी मस्ती ने ये जादू तुझ पर डाला रे
हो जादू तुझ पर डाला
सर पे आँजन ठहरे आँचल फार फार उड़ता जाये
रह रह के गोरे मुखड़े पे लट आ के लहराये
सर पे आँजन ठहरे आँचल फर फर उड़ता जाये
रह रह के गोरे मुखड़े पे लट आ के लहराये
कौन है गोरी
कौन है गोरी तेरी उलझी लट सुलझाने वाला
रूप जवानी मस्ती ने ये जादू तुझ पर डाला रे
मैं क्या जानूं
मैं क्या जानूं काहे लागे ये सावन मतवाला रे
रूप जवानी मस्ती ने ये जादू तुझ पर डाला हो ओ
जादू तुझ पर डाला
आज मोहे यूँ लागे जैसे बजे कोई शहनाई
चन्दा की बारात गगन से तारों के संग आई
आज मोहे यूँ लागे जैसे बजे कोई शहनाई
चन्दा की बारात गगन से तारों के संग आई
आ जाओ कि
आ जाओ कि दुनिया में अब होने लगा उजाला रे
रूप जवानी मस्ती ने ये जादू तुझ पर डाला रे
मैं क्या जानूं
मैं क्या जानूं काहे लागे ये सावन मतवाला रे
रूप जवानी मस्ती ने ये जादू तुझ पर डाला हो ओ
जादू तुझ पर डाला
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Main kay janoon-Chandrasena 1959
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