Apr 6, 2020

नज़र लगे ना साथियों-देस परदेस १९७८

ढेर सारे गायकों वाला एक गाना सुनते हैं. ये कव्वाली नहीं
है, सामान्य गाना है. इसे सुनते सुनते समय बीत गया मगर
बरसों बाद मालूम हुआ कि इस भीड़ में विजय बेनेडिक्ट की
आवाज़ भी है. विजय बेनेडिक्ट बप्पी लहरी के लिए काफ़ी
गीत गा चुके हैं डिस्को युग में.

सुनते हैं गीत जिसमें बाप-बेटा अर्थात किशोर कुमार और उनके
पुत्र संग मनहर की आवाजें हैं चौथी आवाज़ के बारे में हम
लिख ही चुके हैं ऊपर.

गीत अमित खन्ना का है और इसका संगीत तैयार किया है
राकेश रोशन के भाई और संगीतकार रोशनलाल नागरथ के
सुपुत्र राजेश रोशन ने.

इस ब्लॉग पर संगीत रसिकों के लिए ही हम चर्चा करते हैं.
हमारा उद्देश्य केवल गीत प्रेमियों और गाना गुनगुनाने के
शौकीनों के लिए बोल देना है. ये कोई फ्री सर्विस नहीं कि
यहाँ तमाम लिरिक्स वाली साइटें के मालिक आ कर कॉपी
कर के अपनी साइटों पर पेस्ट मार दें.





गीत के बोल:

अरे नज़र लगे ना.........
अरे हो ...... ओ ओ ओ ओ
आज भरी महफ़िल मे
रे कहीं डोल न जाये ...
............. गोरी मेमों का
अ ब ब .........
अरे नज़र लगे ना.........
अरे हो ओ ओ ................
आज भरी .................
रे कहीं ....... न जाये दिल
इन गोरी गोरी ..... का
अ ब ब .................

वहाँ मिले थे ..........हम तुम कुछ दिन पहले
यहाँ मिले ..... विष मयखाने में ...........
अरे हुक्का ..... पीते थे वहां बाँध के ...... पगड़ी
अरे कस के बूट ............. बात करें कोई तगड़ी
यादें वादे .............. भूली बातें याद करा दे
अरे भटके ..... अरे यूँ ही अटके ........हम लटके लटके
उल्टा चोर ........... डांटे ये पुराना दस्तूर हमने माना
हुर्र .......भरी महफ़िल मे
रे कहीं ........ जाये दिल
इन गोरी ...... मेमों का
........... ब ब ब ब ब
भुर्र

अरे सोच ......... आगे बढ़ना आग का ये एक दरिया
दिलवालों से मिलना हो तो ........ ... ज़रिया हो
वहाँ ...... साथी है यहाँ .....नया साँवरिया
वो ..... तो ये भी ठीक है अपना अपना नज़रिया
झूमर पायल बिंदिया ....... चुनरी है ना है आँचल
रोज़ बरस के ....... है ये अंग्रेज़ी ...... का बादल
अरे ........ के बीच में ..... साबुत बचा न कोय
ये क्यों होये

आज ..... महफ़िल मे
रे कहीं डोल ..... दिल
इन गोरी गोरी मेमों का
बल्ले .. बल्ले .गेंद गेंद

इक दिन ........... था अब किसको ... के आये
हम तो ...... बैठे अब तुम क्या खाने आये हो
..... करो ......खेतों की .... जहाँ .... के आये
अरे यहाँ तो पल पल ..... मारे दम भी ..... जाये
आओ आओ उन्हें ... सोये हुओं को .... जगाओ
डरते ...... हैं करते सौ बार बचे हैं...... मरते
अरे खाओ ...... मनाओ मौका फिर नहीं आना
ओ रे लाना
हे रे कहीं ...... जाये दिल
इन गोरी गोरी .........
ब ब ब ....................
अरे नज़र लगे ना साथियों
अरे हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आज भरी ........ मे
रे कहीं ........ जाये दिल
इन ..... गोरी मेमों का
अ ब ब ब अ ब ब ब ..........
………………………………………………….
Nazar lage na sathiyon-Des Pardes 1978

Artists: Dev Anand, Tina Munim, Mehmood

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP