Apr 23, 2020

ये उम्र ये मिज़ाज-ज़ुल्म का बदला १९८५

संगीतकार सोनिक ओमी के संगीत में सारे एलेमेंट्स मिल
जाते हैं. भक्ति गीत उन्होंने काफी सारे बनाये हैं साथ ही
फ़िल्मी कव्वालियां भी खूब बनाई. संगीत समीक्षकों के
पास समय नहीं रहा कि उनके संगीत पर ज्यादा कुछ
लिखें.

८० के दशक में लोकप्रियता के मामले में सोनिक ओमी
थोडा पिछड़ गये. एक वजह ये भी है फ़िल्मी/अफिल्मी
दोनों प्रकार की जनता का ध्यान उधर नहीं जा पाने की.

प्रस्तुत कव्वाली में महेंद्र कपूर के साथ हैं ख्यात कव्वाली
गायिका परवीन सबा. कुलवंत जानी की रचना है और
संगीतकार का नाम आप ऊपर पढ़ चुके हैं.

फिल्म में राकेश रोशन, अनिता राज, डैनी, शक्ति कपूर,
जगदीप और जगदीश राज जैसे कलाकार हैं.

गीत कुछ रेयर किस्म का है क्यूंकि इसमें शक्ति कपूर
को ढंग से गाने का मौका मिला है परदे पर. उनके
हिस्से ज्यादा कॉमेडी वाले गाने ही आये हैं वो भी कुछ
एक पंक्तियाँ. इसी साल की एक फिल्म मेरा जवाब
में एक युगल गीत उन्होंने गाया है. फिल्म के नायक
जैकी श्रॉफ़ हैं.



गीत के बोल:

ये उम्र ये मिज़ाज खुदा खैर करे
ये उम्र ये मिज़ाज खुदा खैर करे
ये उम्र ये मिज़ाज खुदा खैर करे
किसका है क़त्ल आज खुदा खैर करे
किसका है क़त्ल आज खुदा खैर करे
ये उम्र ये मिज़ाज खुदा खैर करे

तूने इस दिल पे ऐसा वार किया
तेरी चाहत ने बेक़रार किया
ढूंढते ढूंढते ठिकाने पर
आ गये हम सही निशाने पर
वक़्त का आज तू सिकंदर है
एक तूफ़ान मेरे अंदर हैं
मौज को मौज से टकराना है
आग को आग से बुझाना है

हां आ आ आ आ आ आ आ
तेरे लिए हमने मेरे बांके सितमगर
छोड़ी है शर्म लाज खुदा खैर करे
छोड़ी हैं शर्म लाज खुदा खैर करे
छोड़ी है शर्म लाज खुदा खैर करे

किसका है क़त्ल आज खुदा खैर करे
किसका है क़त्ल आज खुदा खैर करे
खैर करे खैर करे खैर करे खैर करे
ये उम्र ये मिज़ाज खुदा खैर करें

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
अभी तक हसीनों जवां हैं वो गलियाँ
जहाँ हमने अपनी जवानी लुटा दी
मोहब्बत में लुट जाते हैं दीं-ए-इमां
बड़ा तीर मारा जवानी लुटा दी
ये नज़र ये मिज़ाज खुदा खैर करे
ये नज़र ये मिज़ाज खुदा खैर करे
हम पे ही चोट आज खुदा खैर करे

हम पे ही चोट आजखुदा खैर करे

ये नहीं चोट ये हकीकत हैं
हमको सच बोलने की आदत हैं
नाम बदला है देश बदला है
तेरी खातिर ये भेष बदला है
आ गये आज तेरी महफ़िल  में
ले के जज़्बात ये अपने दिल में
सर तेरा आज तो झुकाना हैं
ये तमाशा तुझे दिखाना हैं

कौन किसको झुकाये देखेंगे
तेरी जुल्फों के साये देखेंगे
ये बदन कांच का बिल्लौरी हैं
एक रेशम की कच्ची डोरी हैं
इसको एक बार जब भी पकड़ेंगे
अपनी बाहों में कस के जकडेंगे
ये चलन तेरा छूट जायेगा
हर भरम तेरा तूट जाएगा
हो हो हो हो हो हो
हमको झुकाने वाले तुझे ये खबर भी है
काँटों का है ये ताज खुदा खैर करे
काँटों का है ये ताज खुदा खैर करे
काँटों का है ये ताज खुदा खैर करे

किसका हैं क़त्ल आज खुदा खैर करे
किसका हैं क़त्ल आज खुदा खैर करे
ये उम्र ये मिज़ाज खुदा खैर करे

कैसे मैदान में तू आयेगी
बोल किस तरह आजमायेगी
फ़ैज़ इजहार में क्या रखा हैं
छोड़ तकरार में क्या रखा हैं
फिर बता आगे क्या इरादा हैं
पूरा होगा ये अपना वादा हैं

प्यार की दिल में प्यास रखता है
यूं उससे मिलने की आस रखता है
तूने इस दिल की बात कह दी हैं
अपने होठों के साथ कह दी है
रात को आँख खुली फिजाओं में
चाँद की ठंडी ठंडी छाँव में
उन फिजाओ में बोल क्या होगा
उन हवाओं में बोल क्या होगा
अपनी बाहों का सहारा दूंगी
तुझको जन्नत का नज़ारा दूंगी

आ आ आ आ आ आ आ
हम हैं वो मसीहा तेरे हर एक रोग का
कर देंगे अब इलाज खुदा खैर करे
कर देंगे अब इलाज खुदा खैर करे
कर देंगे अब इलाज खुदा खैर करे
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Ye umar ye mizaaj-Zulm ka badla 1985

Artists: Anita Raj, Shakti Kapoor

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