आओ मेरे पास और आओ-कौन कैसे १९८३
८० के दशक के चर्चित और जनता के सबसे पसंदीदा
कलाकारों में से एक हैं मिथुन. आज भी उनकी फ़िल्में
उसी चाव से देखी जाती हैं. काफी बड़ा प्रशंसक वर्ग है
उनका जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्यादा हैं.
१६ जून १९५० में जन्में मिथुन की शुरुआत फिल्म जगत
में काफी धमाकेदार रही और भगवती चरण पाणिग्रही की
कहानी शिकार पर आधारित फिल्म मृगया के लिए उन्हें
फिल्मों के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस
फिल्म का निर्माण के राजेश्वर राव ने किये और निर्देशन
मृणाल सेन ने.
मिथुन ने ३५० से ऊपर फिल्मों में काम किया है और
उनकी पहली उल्लेखनीय फिल्म थी १९७८ की मेरा रक्षक.
मिथुन ने दीपक बाहरी के साथ कुछ सफल फ़िल्में की थीं.
इनमें से एक है राजश्री निर्मित तराना जिसने अपने समय
में कई शहरों में सिल्वर जुबलियाँ मनाने का रिकॉर्ड बनाया
था.
आज आपको सुनवाते हैं जासूसी फिल्म कौन कैसे से एक
गाना. गुलशन बावरा लिखित इस गीत की धुन तैयार की
है आर डी बर्मन ने और इसे किशोर कुमार ने गाया है.
गौरतलब है मिथुन पर फिल्माए गये और किशोर कुमार
द्वारा गाये गये सभी गीत लगभग लोकप्रिय हैं.
कौन कैसे का निर्देशन अनिल गांगुली ने किया है और हम
इस फिल्म को केवल कोरा कागज़, तपस्या, संकोच, तृष्णा,
खानदान जैसी फिल्मों के फैन होने की वजह से देखने गये
थे. फिल्म ने हमें निराश नहीं किया. अनिल गांगुली की
फिल्मों का संगीत पक्ष हमें काफ़ी मजबूत लगा.
प्रस्तुत गीत दीपक पाराशर पर फिल्माया गया है. इसे परदे
पर किसी ने नहीं गाया है मगर इस गाने के भावों से उस
दृश्य की मांग की पूर्ति बखूबी हो जाती है.
गीत के बोल:
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
जबसे देखा है तुम्हें
पूछो न क्या हाल हुआ
हाय जाने जाना
जबसे देखा है तुम्हें
पूछो न क्या हाल हुआ
हाय जाने जाना
पहली नजर में ही
तुमने तो लूट लिया
हाय जाने जाना
ये शोखियाँ ले ले न जां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हूँ हूँ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
दिन ये जवानी के हैं
फिर ऐसे दिन हसीं
कभी कभी आयें
दिन ये जवानी के हैं
फिर ऐसे दिन हसीं
कभी कभी आयें
होता है जो हो जाने दे
देखो जी ये पल कहीं
यूं न चले जायें
आज का समा फिर मिले कहाँ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
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Aao mere paas aur aao-Kaun kaise 1983
Artists: Deepak parashar, A girl
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