धीरे से आ जा री-अलबेला १९५१
छोटे बच्चों को सुलाने के काम नहीं आती बल्कि इसे सुन
के बड़े बच्चे भी सो सकते हैं.
ये लता मंगेशकर वाला वर्ज़न है. एक और वर्ज़न है जिसमें
लता के साथ संगीतकार की आवाज़ भी है.
गीत राजेंद्र कृष्ण का लिखा हुआ है..
गीत के बोल:
धीरे से आ जा री अँखियन में
निंदिया आ जा री आ जा
धीरे से आ जा
छोटे से नैनन की बगियन में
निन्दिया आ जा री आ जा
धीरे से आजा
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Dheere se aa ja ri-Albela 1951
Artists: Bhagwan, Bimla Kumari
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