बहारों ने जिसे छेड़ा है-सुनहरे दिन १९४९
लाजवाब हैं और संगीत भी.
सुनते हैं शेवान रिज़वी का लिखा और ज्ञान दत्त द्वारा कम्पोज़
किया गया गीत जिसे मुकेश गा रहे हैं परदे पर राज कपूर
के लिए.
आज बॉलीवुड वालों में से अभिनेत्री गौतमी, मोहम्मद अज़ीज़,
और रजा मुराद का जन्मदिन है. निर्देशक महेश कॉल की आज
पुण्यतिथि है.
राज कपूर आल इण्डिया रेडियो के माईक पर गाते दिख रहे हैं
गाने में और रेडियो पर इसे सुनने वालियों में शायद रेहाना और
रूपकमल हैं? पूरा ओर्केस्ट्रा भी दिख रहा है गाने में जो असल
में बजा रहा है या केवल गाने के लिए साज़ हिलाए डुलाये जा
रहे हैं ये आप मालूम कीजिये और हमें भी बतलाइये.
गीत के बोल:
बहारों ने जिसे छेड़ा है वो साज़-ए-जवानी है
ज़माना सुन रहा है जिसको
ज़माना सुन रहा है जिसको वो मेरी कहानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा
क़सम खा के किसी को जब कभी अपना बनाऊँगा
चमन की डालियों से लालियाँ फूलों की लाऊँगा
सितारों के चिराग़ों से फिर इस घर को सजाऊँगा
कि इस दुनिया में मुझको एक नई दुनिया बसानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा
चमन में सबने ही गाया तराना ज़िन्दगानी का
मगर सबसे अलग था रंग मेरी ही कहानी का
फ़साना इस क़दर रंगीन था मेरी जवानी का
कि जिसने भी सुना कहने लगा मेरी कहानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा
कोई समझे ना समझे मैं कहे देता हूँ दुनिया से
कि मैं दुनिया में हूँ मतलब नहीं रखता हूँ दुनिया से
कभी कुछ दिल में आता है तो कह देता हूँ दुनिया से
मेरी आवाज़ ही मेरी तमन्ना की निशानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा
ज़माना सुन रहा है जिसको वो मेरी कहानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा
………………………………………………
Baharon ne jise chheda-Sunehre Din 1949
Artists: Raj Kapoor, Rehana, Roopkamal, Nigar Sultana
0 comments:
Post a Comment