हम भी राहों में खड़े हैं(युगल गीत)-सलाम मेमसाब १९७९
अरे सलाम मेमसाहब
अरे जरा इधर भी नजर फेंकिए
आ हा हा हा
अरे बोनी तो हो गई ए जिओ राजा ए जिओ रानी
ओ ले लो ले लो दुवा किसी बेकरार की
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं
हम दुखों के पाले हैं, हाँ मगर दिलवाले हैं
एक नज़र पे रुक जाए, ऐसे हम मतवाले हैं
हो ओ ओ........
अपने हो या बेगाने, हम तो सबके दीवाने
हर गली में बाहो के हार हमने डाले हैं
ये ही तो है गलिया वो प्यार की
आनेवालो
आनेवालो मेरे दिल का नज़र देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं
दिल का साथी है जब दिल, कैसा रस्ता क्या मंजिल
चल पड़ो तो रस्ता है, ठहर जाओ तो मंजिल
रंग ये बाज़ारो का रूप ये दिलदारो का
जो नजारा देखो है चूम लेने के काबिल
हो ओ हवा खाने वालों मेरे गुलज़ार की
क्या हो थोड़ा सा ऐ भाई
क्या हो थोड़ा सा हमें भी अगर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं
हम तो चाहत से हारे फिरते हैं मारे मारे
तुम रहो हँसते बसते साथ हों चंदा तारे
फिर यूँ ही जाने जाना कल कहीं पे मिल जाना
हम चले गाते नगमे खुश रहो तुम भी प्यारे
हो ओ जाओ लूटो मजे शाम है बहार की
जाते जाते ओ मामू
जाते जाते हो सके तो इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं

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