Showing posts with label Ji chahta hai. Show all posts
Showing posts with label Ji chahta hai. Show all posts

May 19, 2017

हमने देखा है तुम्हें-जी चाहता है १९६४

पुरानी फिल्मों से एक गीत और सुनते हैं. ये है साथ के दशक
की फिल्म जी चाहता है फिल्म से रफ़ी का गाया हुआ. एक बार
फिर वही जी को ज़ी कहने वाले सज्जन की याद में ये गीत याद
आ गया.

हसरत जयपुरी और कल्याणजी आनंदजी के संगम वाला ये गीत
फिल्माया गया है जॉय मुखर्जी पर. नायक गीत गा रहा है और
नायिका उस पर आकर्षक नृत्य कर रही है.



गीत के बोल:

हमने देखा है तुम्हें
हमने देखा है तुम्हें ऐसा गुमान होता है
हमने देखा है तुम्हें ऐसा गुमान होता है
आँख मिलती है तो क्यूँ दर्द जवान होता है
हमने देखा है तुम्हें

ऐसा लगता है के हमदम मेरा वापस आया
मेरे जीवन पे मोहब्बत का नशा सा छाया
दिल में चलने लगा फिर हुस्न का रोशन साया
हमने देखा है तुम्हें

जाने क्यूँ मेरा दिल क़दमों पे झुक जाता है
कोई बिछड़ा हुआ साथी मुझे याद आता है
ये मिला प्यार भरा किसलिए तड़पाता है
हमने देखा है तुम्हें

आज सदियों की मुलाकात निकल आई है
आज सदियों की मुलाकात क्रोमियम आई है
जैसे तूफ़ान से बारात निकल आई है
दिल में रहती थी वो ही बात निकल आई है
हमने देखा है तुम्हें ऐसा गुमान होता है
आँख मिलती है तो क्यूँ दर्द जवान होता है
हमने देखा है तुम्हें
..........................................................................
Hamne dekha hai tumhen-Ji chahta hai 1964

Artist: Joy Mukherji, Rajshri

Read more...

Oct 24, 2016

ए जान-ए-तमन्ना-जी चाहता है १९६४

फिल्म के नाम दिल ने पुकारा हो या जी चाहता हो दोनों में
कल्याणजी आनंदजी का संगीत है इसलिए कंफ्यूज़न होता है
कई बार जैसे शंकर जयकिशन की फिल्मों दिल एक मंदिर
और दिल अपना और प्रीत परायी के गीतों में होता है. एक
गीत दूसरी फिल्म में फिट हो जाता है फिर सूची देख कर
कन्फर्म करना पढता है कि कौन सा गीत किस फिल्म का है.

सुनें रफ़ी और सुमन कल्याणपुर का गाया हुआ युगल गीत
फिल्म के पिछले गीत में एक प्रश्न था-जी चाहता क्या है
उसका जवाब इस गीत में मौजूद है. इसे आप फिल्म का
शीर्षक गीत भी कह सकते हैं.
   


गीत के बोल:

ए जान-ए-तमन्ना ए जान-ए-बहारा ए जान-ए-बहारा
ए जान-ए-तमन्ना ए जान-ए-बहारा ए जान-ए-बहारा
मुझे तुम मिले जिंदगी मिल गई
मुझे तुम मिले जिंदगी मिल गई
ए जाने-ए-गुलिस्तान ए मेरी जाने जाना ए मेरी जाने जाना
तेरे प्यार से रौशनी मिल गई है
तेरे प्यार से रौशनी मिल गई है
ए जान-ए-तमन्ना ए जान-ए-बहारा ए जान-ए-बहारा

मुझी से ये उल्फत बता क्यूँ छुपाई बता क्यूँ छुपाई
सदा से हो तेरी नहीं हूँ परायी नहीं हूँ परायी
तेरी आरजू ने ये हिम्मत बढ़ाई
दबी बात दिल की जुबां पे जो आई
दबी बात दिल की जुबां पे जो आई
ए जान-ए-तमन्ना ए जान-ए-बहारा ए जान-ए-बहारा

मैं हो जाऊं सदके ये जी चाहता है ये जी चाहता है
करूं तुझको सजदे ये जी चाहता है ये जी चाहता है
तुझे दिल मेंन रख दूं ये जी चाहता है
ये हस्ती मिटा दूं ये जी चाहता है
ये हस्ती मिटा दूं ये जी चाहता है
ए जान-ए-तमन्ना ए जान-ए-बहारा ए जान-ए-बहारा
मुझे तुम मिले जिंदगी मिल गई
ए जाने-ए-गुलिस्तान ए मेरी जाने जाना ए मेरी जाने जाना
तेरे प्यार से रौशनी मिल गई
ए जाने-ए-गुलिस्तान ए मेरी जाने जाना ए मेरी जाने जाना
..........................................................................
Ae jaan-e-tamanna- Ji Chahta Hai 1964

Artists: Joy Mukherji, Rajshri

Read more...

Oct 20, 2016

हम छोड़ चले हैं महफ़िल को-जी चाहता है १९६४

वाक्यांशों से भी फिल्मों के बढ़िया नाम बन जाया करते हैं. ये
जुमले कई गीतों में आपने सुने होंगे. इस नाम से सन १९६४ की
फिल्म भी है. नाम से, हालांकि ये क्लीयर नहीं है कि जी असल
में चाहता क्या है?

हम तो बस सयाने समीक्षकों की भाँति यही कहेंगे कि मजमून को
जानने के लिए फिल्म देखें. इस बहाने हम फिल्म देख लिया करते
हैं जिसे बड़ी मेहनत से निर्देशक और निर्माता ने तैयार कराया होता
है. आखिर को उनके परिश्रम का सम्मान भी ज़रूरी है.

हसरत जयपुरी का लिखा लोकप्रिय गीत है ये जिसे मुकेश ने गाया है
जॉय मुखर्जी के लिए. इसका संगीत तैयार किया कल्याणजी आनंदजी
ने.



गीत के बोल:

हम छोड़ चले हैं महफ़िल को
याद आये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को
याद आये कभी तो मत रोना
इस दिल को तसल्ली दे लेना
घबराये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को

एक ख़्वाब सा देखा था हमने
एक ख़्वाब सा देखा था हमने
जब आँख खुली तो टूट गया
जब आँख खुली तो टूट गया
ये प्यार तुम्हें सपना बन कर
तड़पाये कभी तो मत रोना

हम छोड़ चले हैं महफ़िल को

तुम मेरे ख़यालों में खो कर
तुम मेरे ख़यालों में खो कर
बरबाद न करना जीवन को
बरबाद न करना जीवन को
जब कोई सहेली बात तुम्हें
समझाये कभी तो मत रोना

हम छोड़ चले हैं महफ़िल को

जीवन के सफ़र में तन्हाई
जीवन के सफ़र में तन्हाई
मुझको तो न ज़िन्दा छोड़ेगी
मुझको तो न ज़िन्दा छोड़ेगी
मरने की खबर ऐ जान-ए-जिगर
मिल जाये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को
याद आये कभी तो मत रोना
इस दिल को तसल्ली दे लेना
घबराये कभी तो मत रोना
...................................................................
Ham chhod chale hain mehfil ko-Ji chahta hai 1964

Artist: Joy Mukherji

Read more...
© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP