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Aug 21, 2019

तेरे सिवा कुछ याद नहीं-मस्त १९९९

सन १९९९ अर्थात मिलेनियम वर्ष के पूर्व आया साल.
इस साल के सबसे चर्चित फिल्मों में से एक है मस्त

हमें कई पोस्टों में आपको पहाड़ पर चढ के ऊंचे सुर
में गाने वाली बातें बतलायीं मगर आपको कोई ऐसा
गीत नहीं बतलाया था जिसमें ये करिश्मा वाकई में
हो रहा हो. सुन्दर सुन्दर पहाड़ियां हैं और बाकी के
एलेमेंट्स भी सुन्दर हैं गीत के.

ऐसा एक गाना है फिल्म मस्त में जिसमें नायिका
पहाड़ी के ऊपर बैठ के गा रही है. सुनिधि चौहान ने
इस वास्तव में गाया है. नितिन रायकवार के बोल हैं
और संदीप चौटा का संगीत.





गीत के बोल:

तेरे सिवा कुछ याद नहीं तेरे सिवा कोई बात नहीं
आँखों में सपने तेरे होंठों पे तेरे नगमे
दिल मेरा लगे कहने
हुई हुई हुई मैं मस्त मैं मस्त हे मस्त

तेरे सिवा कुछ याद नहीं तेरे सिवा कोई बात नहीं
आँखों में सपने तेरे होंठों पे तेरे नगमे
दिल मेरा लगे कहने
हुई हुई हुई मैं मस्त मैं मस्त हे मस्त

तू है यहीं तू साथ है ये प्यार के जज़्बात हैं
तेरी कहूँ तेरी सुनूं मेरे यही हालात हैं
रग रग में जवानी है तेरी ही कहानी है
तुझको ही बतानी हैं
हुई हुई हुई मैं मस्त हे मस्त ओ मस्त हे मस्त

तेरे सिवा कुछ याद नहीं तेरे सिवा कोई बात नहीं
मस्त हे मस्त मस्त हे मस्त

तू है यहां तू है वहां मेरी नज़र जाए जहां
तुझे चाहती हूँ इस तरह मैं जानूं ना के किस तरह
साया बन के रहती हूँ हरदम मैं तेरे पीछे
कहती हूँ कोई पूछे
हुई हुई हुई मैं मस्त हे मस्त हो ओ मस्त हे मस्त

तेरे सिवा कुछ याद नहीं तेरे सिवा कोई बात नहीं
आँखों में सपने तेरे होंठों पे तेरे नगमे
दिल मेरा लगे कहने
हुई हुई हुई मैं मस्त मैं मस्त हे मस्त

तेरे सिवा कुछ याद नहीं तेरे सिवा कोई बात नहीं
तेरे सिवा कुछ याद नहीं तेरे सिवा कोई बात नहीं
तेरे सिवा कुछ याद नहीं तेरे सिवा कोई बात नहीं
......................................................................
Tere siwa kuchh yaad nahin(Sunidhi)-Mast 1999

Artists: Urmila Matondkar, Aftab Shivdasani

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Jan 6, 2010

रुकी रुकी थी ज़िन्दगी-मस्त १९९९

रामू के नाम से अधिकतर फिल्म प्रेमी परिचित हैं। इनका पूरा
नाम है रामगोपाल वर्मा। लीक से हटकर फ़िल्में बनाने के लिए ये
चर्चित हैं। इनकी कई फ़िल्में बॉक्स ऑफिस से हटकर भी चलती
रही हैं। फिल्म भले ही जल्दी सिनेमा हॉल से जल्दी उतर जाए, जनता
कुतुहलवश इनकी फिल्मों की सी डी, डी वी डी लाके एक बार ज़रूर
देखती है। १९९९ में आई फिल्म मस्त ने व्यवसाय में तो झंडे नहीं गाड़े
अलबत्ता इसका संगीत चर्चित हुआ, विशेषकर ये गीत जो यहाँ
प्रस्तुत है। इसे फिल्माया गया है अफताब शिवदासानी और उर्मिला
मातोंडकर पर। संगीत संदीप चौटा का है और आवाजें हैं सोनू निगम,
सुनिधि चौहान की। ये सोनू और सुनिधि का पहला प्रसिद्ध युगल गीत है।
गीत के बोल लिखे हैं नितिन रैकवार ने। सन १९९९ में कोयले का इंजन
देखना अनूठा अनुभव है। उसकी चाल की आवाज़ का बखूबी इस्तेमाल
हुआ है इस गीत में।
.............



गाने के बोल:

सुनिधि:
रुकी रुकी थी ज़िन्दगी
झट से चल पड़ी
हुई खुशी से दोस्ती
मज़ा ले ले ले हर घड़ी

ई या ई ए ए ए हे हे हे
ई या ई ए ए ए हे
ई या ई ए ए ए हे हे हे
ई या ई ए ए ए हे ए

सोनू:
रुकी रुकी थी ज़िन्दगी
झट से चल पड़ी
हुई खुशी से दोस्ती
मज़ा ले ले ले हर घड़ी...

सुनिधि:
कल तक ना कोई कहानी थी
ना कोई राजा था, ना रानी थी

सोनू:
कल तक ना कोई कहानी थी
ना कोई राजा था, ना रानी थी

सुनिधि:
ये आज क्या हो गया
एक पल में सभ कुछ मिल गया
सामने मंजिल खड़ी

सोनू:
रुकी रुकी थी ज़िन्दगी
झट से चल पड़ी
हुई खुशी से दोस्ती
मज़ा ले ले हर घड़ी
ई या ई ए ए ए हे हे हे
ई या ई ए ए ए हे
ई या ई ए ए ए हे हे हे
ई या ई ए ए ए हे
जादू यहाँ ऐसा हो जाए
ये पल यहीं आज रुक जाए

सुनिधि:
जादू यहाँ ऐसा हो जाए
ये पल यहीं आज रुक जाए
सोनू:
तू जो कहे मैं सुनूं
मैं जो कहूं तू सुनी
लड़ जाए बातों की लड़ी

सुनिधि:
ई या ई ए ए ए हे हे हे
ई या ई ए ए ए हे
ई या ई ए ए ए हे हे हे
ई या ई ए ए ए हे

सोनू:
रुकी रुकी थी ज़िन्दगी

सुनिधि:
हो, झट से चल पड़ी
हुई खुशी से दोस्ती

सोनू:
मज़ा ले ले हर घड़ी

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