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Apr 15, 2017

आये तुम याद मुझे-मिली १९७५

गीतकार योगेश के गीतों को टटोलते हुए मैंने ये पाया कि
संगीतकार शंकर जयकिशन के लिए योगेश का लिखा कोई
भी गीत नहीं है.

योगेश ने सलिल चौधरी, एस डी बर्मन, आर डी बर्मन और
अन्य संगीतकारों के लिए गीत लिखे. योगेश ने अधिकतर
उन संगीतकारों के लिए गीत लिखे जो कभी शैलेन्द्र से गीत
लिखवाया करते थे.

शंकर जयकिशन ने सत्तर के दशक में कई गीतकारों की
सेवाएं लीं जिनमें केवल हसरत जयपुरी ही उनके पुराने
साथियों में से एक थे साथ में. कुछ समय तक नीरज ने
भी गीत लिखे उनके लिए. सब प्रयोगों के बावजूद वो बात
नहीं आ पाई जो सन १९६५ के पहले तक कायम थी.

योगेश हालांकि ढेर सारे गीत लिखने वालों की सूची में
काफी नीचे स्थान पर हैं मगर हिंदी फिल्म संगीत के कुछ
बढ़िया गीत उनके खाते में भी हैं. फिल्म मिली में उनके
लिखे गीत ही हैं. किशोर कुमार के गाये दो गीत काफी
पॉपुलर हैं इस फिल्म के. एक पहले आप सुन चुके हैं अब
दूसरा सुनते हैं. ये भी दर्द भरा गीत है.



गीत के बोल:

हाए तुम याद मुझे गाने लगी हर धड़कन
ख़ुशबू लाई पवन महका चंदन
आए तुम याद मुझे

जिस पल नैनों में सपना तेरा आए
उस पल मौसम पे मेंहंदी रच जाए
और तू बन जाये जैसे दुल्हन
आए तुम याद मुझे गाने लगी हर धड़कन

जब मैं रातों में तारे गिनता हूँ
और तेरे कदमों की आहट सुनता हूँ
लगे मुझे हर तारा तेरा धरपन
आए तुम याद मुझे गाने लगी हर धड़कन

हर पल मन मेरा मुझसे कहता है
जिसकी धुन में तू खोया रहता है
भर दे फूलों से उसका दामन
आए तुम याद मुझे गाने लगी हर धड़कन
………………………………………………………………
Aaye tum yaad mujhe-Mili 1975

Artists: Amitabh bachchan, Jaya Bhaduri

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Dec 10, 2016

बड़ी सूनी सूनी है-मिली १९७५

संगीतकार सचिन देव बर्मन की उपस्थिति ४० के दशक से ७० के
दशक तक बनी रही फिल्म संगीत क्षेत्र में. ये श्रेय उनके अलावा केवल
एक और संगीतकार को जाता है-नौशाद. नौशाद तो आगे तक चले
और २००० में भी उनका संगीत सुनाई दिया एक फिल्म में. नौशाद
ने सचिन देव बर्मन से काफी पहले पदार्पण किया था फिल्म संगीत
क्षेत्र में.

सचिन देव बर्मन की खूबी रही वे समय के अनुसार अपने संगीत
में बदलाव करते चले मगर अपनी भारतीयता की मर्यादाएं उन्होंने
बनाये रखीं. इसी वजह से उनके बनाये गीत आज भी लोकप्रिय हैं.

निरंतरता अगर दोनों की खूबी रही तो उनकी फैन-फौलोविंग भी बनी
रही समय के साथ. नौशाद ७० के दशक में थोडा धीमे हो गए और
८० के दशक में आई फिल्म धर्मकांटा से पहले तक फ़िल्मी जनता
उनको भूलना शुरू कर चुकी थी. फिल्मी जनता से तात्पर्य है फिल्म
जगत के निर्माता-निर्देशक.

प्रस्तुत गीत उनका कम्पोज किया हुआ अंतिम फ़िल्मी गीत है, मिली
ज़ल्दी रिलीज़ हो गयी. उनके संगीत से सजी २-३ फ़िल्में बाद में आईं
ये भी एक सयोग ही है उनका अंतिम गीत जिंदगी की थीम पर है.
गीत योगेश का लिखा हुआ है.




गीत के बोल:

बड़ी सूनी सूनी है ज़िन्दगी ये ज़िन्दगी
मैं खुद से हूँ यहाँ अजनबी अजनबी
बड़ी सूनी सूनी है

कभी एक पल भी
कहीं ये उदासी दिल मेरा भूले
कभी मुस्कुराकर दबे पाँव आकर
दुःख मुझे छू ले
न कर मुझसे ग़म मेरे
दिल्लगी ये दिल्लगी
बड़ी सूनी सूनी है

कभी मैं न सोया
कहीं मुझसे खोया सुख मेरा ऐसे
पता नाम लिख कर कहीं यूँ ही रख कर
भूले कोई जैसे
अजब दुख भरी है ये
बेबसी ये बेबसी

बड़ी सूनी सूनी है ज़िन्दगी ये ज़िन्दगी
मैं खुद से हूँ यहाँ अजनबी अजनबी
बड़ी सूनी सूनी है
..............................................................................
Badi sooni sooni hai-Mili 1975

Artists: Amitabh Bachchan, Jaya Bhaduri

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