Showing posts with label Sudarshan. Show all posts
Showing posts with label Sudarshan. Show all posts

Aug 21, 2019

आज की ताज़ा खबर-पत्थर १९८५

सन १९८५ की फिल्म पत्थर से एक गीत सुनते हैं जसपाल सिंह
की आवाज़ में. गीतकार सुदर्शन के लिखे गीत की तर्ज़ बनाई है 
राम लक्ष्मण ने.

गीत सामाजिक समस्या पर बना गीत है और इसमें वर्त्तमान हालत
का चित्रण है. आज भी ये गीत उतना ही प्रासंगिक है. जिस समाज
में नारी का सम्मान ना हो उस समाज की उन्नति और प्रगति किस
काम की.





गीत के बोल:

ओ ओ ओ ओ ओ
जिंदा अखबार हूँ मैं ज़ुल्म का शिकार हूँ मैं
जिंदा अखबार हूँ मैं ज़ुल्म का शिकार हूँ मैं
एक बेबस सत्ताई अबला की पुकार उन मैं
ढूँढता है
ढूँढता है एक भाई बहन को डगर डगर
आज की ताज़ा खबर आज की ताज़ा खबर
आज की ताज़ा खबर आज की ताज़ा खबर

कोई पापी कुचल गया एक राखी को
कोई पापी कुचल गया एक राखी को
लिए सूनी कलाई एक भाई रोता है
सोचने जैसी बात है के आज दुनिया में
दिन दहाड़े बेबसों पे सितम होता है
इन हवाओं में
इन हवाओं में किसने ग्जोल दिया ज़हर
आज की ताज़ा खबर आज की ताज़ा खबर
आज की ताज़ा खबर आज की ताज़ा खबर

फीसे से औरत खिलौना बन गयी है दुनिया में
कोई भी उसकी आबरू से खेल जाता है
भूल जाता है आदमी उसका औरत से
माँ बहन बेटी के जैसा पवित्र नाता है

टूटे सपनों से
टूटे सपनों से ये रिश्ते कहीं जाए ना बिखर

आज की ताज़ा खबर आज की ताज़ा खबर
आज की ताज़ा खबर आज की ताज़ा खबर

भीड़ में कोई खो गया है ढूँढता कोई
शोर इतना है कि आवाज़ डूब जाती है
कोई भाई जो वादा अपना याद करता है
बहन की डोली निगाहों में उभर आती है
मेरे मालिक
मेरे मालिक गरीब की दुवाओं को दे असर
आज की ताज़ा खबर आज की ताज़ा खबर
आज की ताज़ा खबर आज की ताज़ा खबर
................................................................
Aaj ki taaja khabar-Patthar 1985

Artist:

Read more...

Jun 14, 2012

मैं तेरे साथ हूँ जहाँ तू है -पत्थर 1985

फिल्म उद्योग में समय समय पर बदलाव होते रहते हैं। कई
बदलावों को दर्शक स्वीकार लेते हैं और कई बदलावों को सिरे
से ख़ारिज कर दिया जाता है। कला फिल्मों को थोडा बहुत
व्यावसायिक फार्मूले का तड़का भी लगाया जाने लगा 80 के
दशक के भीतर .

80 के दशक में कुछ खुरदुरे चेहरे वाले अभिनेताओं ने फिल्म
उद्योग में दस्तक दी। अर्ध सत्य की सफलता के बाद जनता
ओम पुरी को अच्छे से पहचानने लगी। इसी के चलते उनको कुछ
व्यावसायिक फ़िल्में भी मिलीं जिनमें से कुछ चलीं तो कुछ फ्लॉप
हो गयीं। ये फिल्म उन फ्लॉप फिल्मों में से एक है.

इस गीत में आपको दो कलाकार दिखाई देंगे-अनुराधा पटेल और
ओम पुरी । फिल्म  का नाम है पत्थर और इस फिल्म में
राम लक्ष्मण का संगीत है। गीत गा रही हैं आशा भोंसले .
गीतकार का नाम सुदर्शन है और ये पुराने ज़माने के गीतकार
सुदर्शन से भिन्न हैं. फिल्म  के गीत ताजगी का एहसास देते
हैं और लंबे समय तक सुने जा सकते हैं.



गीत के बोल :

मैं तेरे साथ  हूँ जहाँ तू है 
मैं तेरे साथ  हूँ जहाँ तू है 
दिल की धरती का आसमान तू है
दिल की धरती का आसमान तू है

 मैं तेरे साथ  हूँ जहाँ तू है

तेरे सीने में आग है मेरी
तेरे सीने
तेरे सीने में आग में है मेरी
तेरे सीने में आग में है मेरी
मेरी आँखों में जाने जान तू है
मेरी आँखों में जाने जान तू है 
दिल की धरती का आसमान तू है

मैं तेरे साथ  हूँ जहाँ तू है

जिसकी खातिर भटक रहा हूँ मैं
जिसकी खातिर भटक रहा हूँ मैं
जिसकी खातिर भटक रहा हूँ मैं 
मेरी मंजिल का वो निशान तू है
मेरी मंजिल का वो निशान तू है

दिल की धरती का आसमान तू है

मैं तेरे साथ  हूँ जहाँ तू है

चैन आये न अब  आये करार आये
चैन आये
चैन आये न अब  आये करार आये
 चैन आये न अब  आये करार आये 
मुझको आवाज़ दे कहाँ तू है
मुझको आवाज़ दे कहाँ तू है
दिल की धरती का आसमान तू है

मैं तेरे साथ  हूँ जहाँ तू है
मैं तेरे साथ  हूँ जहाँ तू है
..........................................................................
Main tere saath hoon jahan too hai-Patthar 1985

Read more...
© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP