मैं तेरे साथ हूँ जहाँ तू है -पत्थर 1985
बदलावों को दर्शक स्वीकार लेते हैं और कई बदलावों को सिरे
से ख़ारिज कर दिया जाता है। कला फिल्मों को थोडा बहुत
व्यावसायिक फार्मूले का तड़का भी लगाया जाने लगा 80 के
दशक के भीतर .
80 के दशक में कुछ खुरदुरे चेहरे वाले अभिनेताओं ने फिल्म
उद्योग में दस्तक दी। अर्ध सत्य की सफलता के बाद जनता
ओम पुरी को अच्छे से पहचानने लगी। इसी के चलते उनको कुछ
व्यावसायिक फ़िल्में भी मिलीं जिनमें से कुछ चलीं तो कुछ फ्लॉप
हो गयीं। ये फिल्म उन फ्लॉप फिल्मों में से एक है.
इस गीत में आपको दो कलाकार दिखाई देंगे-अनुराधा पटेल और
ओम पुरी । फिल्म का नाम है पत्थर और इस फिल्म में
राम लक्ष्मण का संगीत है। गीत गा रही हैं आशा भोंसले .
गीतकार का नाम सुदर्शन है और ये पुराने ज़माने के गीतकार
सुदर्शन से भिन्न हैं. फिल्म के गीत ताजगी का एहसास देते
हैं और लंबे समय तक सुने जा सकते हैं.
दिल की धरती का आसमान तू है
मैं तेरे साथ हूँ जहाँ तू है
तेरे सीने में आग है मेरी
तेरे सीने
तेरे सीने में आग में है मेरी
तेरे सीने में आग में है मेरी
मेरी आँखों में जाने जान तू है
मेरी आँखों में जाने जान तू है
दिल की धरती का आसमान तू है
मैं तेरे साथ हूँ जहाँ तू है
जिसकी खातिर भटक रहा हूँ मैं
जिसकी खातिर भटक रहा हूँ मैं
जिसकी खातिर भटक रहा हूँ मैं
मेरी मंजिल का वो निशान तू है
मेरी मंजिल का वो निशान तू है
दिल की धरती का आसमान तू है
मैं तेरे साथ हूँ जहाँ तू है
चैन आये न अब आये करार आये
चैन आये
चैन आये न अब आये करार आये
चैन आये न अब आये करार आये
मुझको आवाज़ दे कहाँ तू है
मुझको आवाज़ दे कहाँ तू है
दिल की धरती का आसमान तू है
मैं तेरे साथ हूँ जहाँ तू है
मैं तेरे साथ हूँ जहाँ तू है
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Main tere saath hoon jahan too hai-Patthar 1985